Move to Jagran APP

खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तो ठीक, लेकिन टेक्नीकल कोचों की कमी : गोपीचंद

ऑल इंडिया योनेक्स बैडमिंटन टूर्नामेंट का उद्घाटन करने सेक्टर-43 के स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स में भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच गोपीचंद पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 02:33 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 02:33 PM (IST)
खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तो ठीक, लेकिन टेक्नीकल कोचों की कमी : गोपीचंद
खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तो ठीक, लेकिन टेक्नीकल कोचों की कमी : गोपीचंद

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : देश में बेहतर खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है, अब हमें ट्रेंड और अनुभवी कोचों की कमी खल रही है। ऑल इंडिया योनेक्स बैडमिंटन टूर्नामेंट का उद्घाटन करने सेक्टर-43 के स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स में पहुंचे भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच गोपीचंद ने मीडिया से बातचीत के दौरान मौजूदा खेल की स्थिति पर अपनी यह बेबाक राय रखी। गोपीचंद ने कहा कि भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी इंटरनेशनल स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर देश में टैक्नीकल कोच की कमी बहुत च्यज्दा खल है, अगर खिलाडिय़ों को बेहतर कोचिंग मिलेगी, तो यकीनन खेल के नतीजे बदलेंगे और हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर ज्यादा से मेडल जीत सकेंगे। गोपीचंद ने कहा कि खेलो इंडिया से सब खेलों को बड़ा फायदा होगा। सरकार की तरफ से मुझे हर तरह का सहयोग मिल रहा है।

loksabha election banner

लगातार खेलने से खिलाड़ियों को हो रही है इंजरी

गोपीचंद ने कहा इस साल एक -एक बाद एक बड़े टूर्नामेंट हुए। हमारे इंटरनेशनल खिलाड़ी लगातार खेल रहे हैं, नेहवाल और सिंधू ने काफी ज्यादा बैडमिंटन खेला, यही वजह है कि हमारे खिलाड़ी इंजर्ड हो रहे हैं। पी.वी सिंधू के फाइनल में जाकर हार जाने पर गोपीचंद ने कहा कि वह शानदार खिलाड़ी है, इंजरी के बाद वापसी करना मुश्किल होता है। हम यह देख रहे है कि वह फाइनल में जाकर हार गई, मगर यह कोई नहीं देख रहा कि वह फाइनल में पहुंची है।

विष्णु और गायत्री से रखी जा रही हैं ज्यादा उम्मीदें

मेरी एकेडमी में 50 से ज्यादा बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। गोपीचंद ने कहा कि विष्णु और गायत्री से ज्यादा की उम्मीद रखते हैं। हा, अपने बच्चों को खेलता देखकर हर मा-बाप की तरह मुझे भी गर्व होता है। अच्छा खेलेंगे तो यकीन उन्हें भी टीम इंडिया में जगह मिलेगी।

बैडमिंटन मेरे लिए खेल से बढ़कर

मेरे लिए बैडमिंटन खेल से बढ़कर है। इस खेल से मेरी मेरी बहुत सारी ऐसी यादें जुड़ी है मेरा जीवन ही इस खेल से जुड़ा हुआ। मेरी पत्‍‌नी बैडमिंटन खिलाड़ी रही हैं, मैं बैडमिंटन खिलाड़ी रहा हूं, अब कोच हूं, मेरे बच्चे बैडमिंटन खिलाड़ी है। मुझे जीवन मैं जो कुछ मिला है बैडमिंटन से मिला है। ऐसे में इस खेल को मैं अपने से कैसे अलग कर सकता हूं।

चंडीगढ़ में हैं बेहतर खेल सुविधाएं

गोपीचंद ने कहा कि यहा पर बैडमिंटन का सबसे अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर चंडीगढ़ में उपलब्ध है। अच्छा स्पो‌र्ट्स कॉम्पलेक्स हैं। जहा खिलाड़ियों को व‌र्ल्ड क्लास कोचिंग दी जाती है। शहर में बैडमिंटन के सिंथेटिक कोट भी है जोकि भारत के चुनिंदा शहरों में है। मुझे उम्मीद है कि यहा से आने वाले समय में इंटरनेशनल लेवल पर कई खिलाड़ी निकलेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.