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अमरिंदर को खालिस्तानियों की धमकी पर भारत ने जताया एतराज

कनाडा में गर्मख्यालियों द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को दी गई धमकी भारत सरकार ने कड़ा एतराज जताया है। भारतीय उच्चायोग ने वीडियो को बतौर सबूत कनाडा सरकार को सौंपा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 02 May 2017 10:38 AM (IST)Updated: Tue, 02 May 2017 10:38 AM (IST)
अमरिंदर को खालिस्तानियों की धमकी पर भारत ने जताया एतराज
अमरिंदर को खालिस्तानियों की धमकी पर भारत ने जताया एतराज

जेएनएन, चंडीगढ़। कनाडा में खालिस्तान समर्थक गर्मख्यालियों द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सरेआम धमकी दिए जाने पर भारत ने कनाडा के समक्ष कड़ा विरोध जताया है। कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने इस वीडियो को बतौर सबूत कनाडा सरकार को सौंप दिया है। कनाडा की राजधानी ओटावा में ग्लोबल अफेयर्स-कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने इसकी औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।

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भारत ने जरनैल सिंह भिंडरांवाले की फोटो के अलावा आतंकियों की फोटो को कनाडा में सार्वजनिक तौर पर दिखाने पर भी कड़ा ऐतराज जताया है। भारत ने खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारत विरोधी प्रोपेगेंडा शुरू करने के बारे में कनाडा के समक्ष पहले ही चिंता जता दी थी। तब कनाडा ने जरूरी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया था। बता दें कि 22 अप्रैल को कनाडा के सरी शहर में बैसाखी परेड के अवसर पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा अमङ्क्षरदर को धमकी देने और उनके खिलाफ घृणास्पद भाषण देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। पता चला है कि भारतीय उच्चायोग ने जो शिकायत की है उसमें इंद्रजीत सिंह बैंस और सिख्स फार जस्टिस से जुड़े एक अन्य व्यक्ति का जिक्र किया गया है।

गौरतलब है कि कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन को खालिस्तानियों का हमदर्द करार देते हुए पिछले दिनों उनके पंजाब दौरे के समय उनसे मिलने से इंकार कर दिया था। इतना ही नहीं पंजाब सरकार की ओर से किसी मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी तक की उनसे मुलाकात करने के लिए ड्यूटी नहीं लगाई गई थी। इसी वजह से कनाडा में सिखों का एक तबका नाराज चल रहा है।

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल का कहना है कि इस तरह की सीधी धमकी कनाडा में सिखों के एक छोटे गुट का कट्टरवाद दर्शाती है। इस सबने ऐसे तत्वों के खालिस्तान समर्थकों के प्रति झुकाव के अमरिंदर के बयान को सही ठहराया है। किसी चुने हुए मुख्यमंत्री को दूसरे देश से इस तरह की धमकी को लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। अब यह कनाडा के प्रधानमंत्री और सरकार पर निर्भर करता है कि वह इन तत्वों पर कैसी कार्रवाई करती है जिससे हालात उनके हाथ से न निकल जाएं।

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