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2022 में शहरवासी सीधे पांच साल के लिए चुनेंगे मेयर, हर साल चुनाव करवाने का झंझट होगा खत्म

हाल ही में मेयर चुनाव में हुए बवाल के बाद भाजपा ने चंडीगढ़ में सीधे पांच साल का मेयर जनता द्वारा चुने जाने का फैसला लागू करवाने का पूरा मन बना लिया है

By Edited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 07:03 AM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 10:33 AM (IST)
2022 में शहरवासी सीधे पांच साल के लिए चुनेंगे मेयर, हर साल चुनाव करवाने का झंझट होगा खत्म
2022 में शहरवासी सीधे पांच साल के लिए चुनेंगे मेयर, हर साल चुनाव करवाने का झंझट होगा खत्म

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। 2022 से हर साल पार्षदों द्वारा मेयर चुनने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा, क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय चंडीगढ़ में सीधे पांच साल का मेयर चुनने की मांग पर गंभीरता से विचार कर रहा है। ऐसे में मेयर की जवाबदेही पार्षदों की प्रति नहीं, बल्कि शहरवासियों के प्रति रहेगी। वह ज्यादा मजबूती और बिना पार्षदों के दबाव में बेहतर तरीके से काम कर पाएगा। हाल ही में मेयर चुनाव में हुए बवाल के बाद भाजपा ने चंडीगढ़ में सीधे पांच साल का मेयर जनता द्वारा चुने जाने का फैसला लागू करवाने का पूरा मन बना लिया है। इस प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय ने भी चंडीगढ़ प्रशासन से राय मांगी है। संगठन मंत्री दिनेश कुमार ने इस संबंध में गृह मंत्री राजनाथ से बात की है।सांसद भी चाहती हैं कि हर साल मेयर चुनाव होने के बजाय सीधा जनता द्वारा 5 साल के लिए ही मेयर चुना जाए। वर्तमान नगर निगम का कार्यकाल साल 2021 में समाप्त हो जाएगा।

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भाजपा को सहनी पड़ी थी किरकिरी

इस साल हुए मेयर चुनाव में राजेश कालिया को उम्मीदवार बनाने और बागी उम्मीदवार सतीश कैंथ द्वारा नामांकन भरने से भाजपा की काफी किरकिरी हुई है। भाजपा का मानना है कि पांच साल का कार्यकाल होने से मेयर का पद मजबूत होगा और शहरवासियों को अपना मेयर चुनने का मौका मिलेगा। पांच साल के कार्यकाल से मेयर को भी पार्षदों की राजनीति से डरने की जरूरत नहीं पड़ेगा और शहर में ज्यादा बेहतर तरीके से काम हो जाएगा।

हरियाणा में लागू की गई है व्यवस्था

हाल ही में हरियाणा सरकार ने रोहतक, पानीपत, करनाल, हिसार और यमुनानगर में सीधे पांच साल के मेयर का चुनाव लोगों से करवाया है। इसके बाद अब चंडीगढ़ प्रशासन और भाजपा ने इस व्यवस्था को शहर में लागू करवाने के लिए अपनी मांग तेज कर दी है।

सांसद का भी दावेदार हो जाएगा तैयार

मेयर का चुनाव सीधा लोगों द्वारा चुने जाने से राजनीतिक दलों को सांसद का भी प्रबल दावेदार मिल जाएगा। क्योंकि सांसद के चुनाव में भी वही लोग मतदान करेंगे, जो सांसद के चुनाव के समय शहरवासी करते हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों को लोकसभा टिकट के लिए दावेदारों के नाम पर ज्यादा मंथन करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

ब्लैकमेलिंग से मिलेगा छुटकारा : दिनेश

संगठन मंत्री दिनेश कुमार का कहना है कि उनका पूरा प्रयास है कि अगले नगर निगम चुनाव में मेयर के लिए शहरवासी सीधा मतदान करें। मेयर का चुनाव 5 साल के लिए होगा। ऐसे में जहां हर साल मेयर का उम्मीदवार तय करने के समय जो ब्लैकमे¨लग और विरोध का सामना करना पड़ता है, उससे भी छुटकारा मिलेगा। एक साल का मेयर का कार्यकाल काफी कम है। 5 साल का मेयर चुने जाने पर शहर में लोकतांत्रिक व्यवस्था पहले से ज्यादा मजबूत होगी। इस संबंध में उनकी गृह मंत्री राजनाथ से भी बात हो गई है। वे भी इसके लिए सहमत हैं।

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