चार साल में नशेड़ी युवकों की संख्या चार गुणा बढ़ी, पीजीआइ के आंकड़े चौंकाने वाले
सिगरेट के धुएं का छल्ला बनाके..चल पड़े हैं फिक्र यारों धुएं में उड़ाकर..इस गाने को सच मानते हुए अपनी फिक्र को नशा करके खत्म करने की सोच रखने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
चंडीगढ़, [वीणा तिवारी]। सिगरेट के धुएं का छल्ला बनाके..चल पड़े हैं फिक्र यारों धुएं में उड़ाकर..इस गाने को सच मानते हुए अपनी फिक्र को नशा करके खत्म करने की सोच रखने वाले युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसकी पुष्टि हो रही है पीजीआइ के ड्रग डी एडीक्शन एंड ट्रीटमेंट सेंटर के मरीजों की संख्या से, जिनकी संख्या महज चार सालों में चार गुना बढ़ गई है। हेरोइन, शराब, सिगरेट, तंबाकू और ऐसे अन्य नशे की लत वाले मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए पीजीआइ ने दवाओं की बजट के साथ ही सेंटर के बजट में चार गुना इजाफा किया है। जो बजट 2014 तक महज 4 करोड़ था, उसे अब 15 करोड़ कर दिया गया है। सेंटर के ओपीडी काउंटर और हेल्थ वर्कर्स के मुताबिक 2014 में जो ओपीडी महज 20 से 25 थी, वह 2018 में 100 के पार पहुंच गई। इसका कारण मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ ही जागरूकता का बढऩा भी है। बढ़ते लोड को देखते हुए सेंटर में संचालित साइकेट्रिक यूनिट को स्थानांतरित करने की तैयारी चल रही है।
इंजेक्शन लेने वाले सबसे ज्यादा
सेंटर में आने वाले मरीजों में इंजेक्शन के माध्यम से नशा करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ मरीज तो इस नशे के इतने आदती हो चुके हैं कि वे एक दिन में हेरोइन के आठ से दस इंजेक्शन तक लेते हैं। ऐसे मरीजों के इलाज के दौरान नशे की डोज कम करने में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि आदत के अनुसार नशा न कर पाने पर वे खुद को नुकसान पहुंचाना आसान मानते हैं।
एडनॉक की खपत में भी बढोतरी
ओपीडी में आने वाले मरीजों में हेरोइन का नशा करने वाले सबसे ज्यादा हैं। सेंटर के डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें कंट्रोल करने के लिए एडनॉक दवा का प्रयोग किया जाता है। यह दवा अन्य प्रकार के नशे को भी काबू करने में बेहद कारगर है। सेंटर के दवा स्टोर से एडनॉक की खपत अन्य दवाओं की तुलना में ज्यादा है। 20 से 50 बेड करने की तैयारी मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इनडोर के विस्तारीकरण की योजना बनाई जा रही है। योजना के अंतर्गत वार्ड के 20 बेड को बढ़ाकर 50 बेड किया जाना है। इसके लिए स्थान का चयन कर कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
भर्ती मरीजों के मनोरंजन की पूरी व्यवस्था
सेंटर के डॉक्टरों और हेल्थ वर्करों का कहना है कि भर्ती मरीजों को 21 दिन तक के ट्रीटमेंट को पूरा कराने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। उन्हें रोकने के लिए यूनिट में उनके मनोरंजन की पूरी व्यवस्था की गई है। उनके लिए स्पोर्ट्स ग्राउंड में बैडfमटन, क्रिकेट खेलने के साथ ही जिम, कैरम और टीवी उपलब्ध कराया गया है। लेकिन उसका लाभ नहीं मिल पा रहा।