डायबिटीक होने पर नहीं कर पा रहे रक्तदान तो दूसरों को बनाया रेगुलर डोनर
राकेश शर्मा अब तक 74 बार रक्तदान कर चुके हैं।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : राकेश शर्मा अब तक 74 बार रक्तदान कर चुके हैं। पिछले डेढ़ साल से डायबिटीक होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें रक्तदान देने के लिए मना कर दिया। इस बात को लेकर उन्हें अफसोस भी है कि वह रक्तदान नहीं कर पा रहे हैं लेकिन वह नए युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे खुद रक्तदान नहीं कर पा रहे हैं लेकिन लोगों को जागरूक करके अस्पतालों में रक्त की कमी को दूर कर रहे हैं। राकेश शर्मा से प्रभावित होकर उनका बेटा और भाई भी ब्लड डोनर बन गया है। राकेश शर्मा की पंचकूला के औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री है और चंडीगढ़ में सेक्टर-20 में रहते हैं। 50 साल के राकेश शर्मा का कहना है कि 1988 से वह रेगुलर रक्तदान कर रहे हैं। उस समय कॉलेज की तरफ से पंचकूला के सेक्टर-7 के कम्युनिटी सेंटर में रक्तदान किया था, उसके बाद रेगुलर ब्लड डोनर बन गए। बच्चे के लिए दस साल करते रहे नेक काम
राकेश शर्मा दस साल तक एक थैलीसीमिया पीड़ित बच्चे के लिए भी रेगुलर रक्तदान करते रहे। जोकि उनके दोस्त का बेटा था। इस कोरोना की लड़ाई में राकेश शर्मा लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पीजीआइ सहित सरकारी अस्पताल सुरक्षित तरीके से रक्त ले रहे हैं। उनका कहना है कि अगर किसी के पास अस्पताल जाकर रक्तदान की व्यवस्था नहीं है तो वह उन्हें फोन कर सकते हैं। वे ऐसे दानी को खुद अस्पताल रक्तदान करने के लिए लेकर जाएंगे। राकेश शर्मा कई समाजसेवी संस्थाओं के साथ भी जुड़े हुए हैं जोकि इस कोरोना में जरूरतमंद लोगों को खाना पहुंचा रहे हैं। किसी की नाड़ियों में जरूर बहता है रक्त
राकेश शर्मा के साथ एक किस्सा भी जुड़ा हुआ है। राकेश शर्मा को वैसे ज्योतिष भविष्यवाणियों पर विश्वास नहीं है। राकेश शर्मा का कहना है कि 10 साल पहले उनका दोस्त एक लाल किताब का अध्यन करने वाले ज्योतिष के पास ले गया। जबकि वह जन्मतिथि बताने के लिए तैयार नहीं था। दोस्त के बार-बार बोलने पर जन्मतिथि दी तो उस ज्योतिष ने कहा कि उनके तो हर साल सड़क पर ही हादसे होते हैं और चोटिल होकर सड़क पर खून बहता है लेकिन राकेश शर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है। काफी मंथन के बाद ज्योतिष ने कहा कि कहीं वह रक्तदान तो नहीं करते जिस पर राकेश शर्मा ने हां कहते हुए कहा कि सड़क पर तो उनका रक्त कभी नहीं बहा लेकिन जरूरतमंद मरीजों की नाड़ियों में जरूर बह रहा है।