नगर निगम की बैठक में फैसला-पार्किंग सरेंडर की तो इंफ्रास्ट्रक्चर और सामान होगा जब्त
पार्किंग नहीं चला सकने की स्थिति में इसे सरेंडर करने पर कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई सामान और उपकरण नहीं ले जा सकेगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। पार्किंग नहीं चला सकने की स्थिति में इसे सरेंडर करने पर कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई सामान और उपकरण नहीं ले जा सकेगी। इस इंफ्रास्ट्रक्चर और उपकरणों पर नगर निगम कब्जा लेगा। यह फैसला वीरवार को सभी पेड पार्किंग और मल्टीलेवल पार्किंग के टेंडर डॉक्यूमेंट के नियम व शर्तों को जांचने के लिए बुलाई गई सब कमेटी की मीटिंग में लिया गया।
पूर्व मेयर अरुण सूद की अध्यक्षता में यह मीटिंग हुई। इससे पहले एमसी ने आर्य टोल इंफ्रा कंपनी को 25 पेड पार्किंग स्मार्ट पार्किंग बनाने और चलाने को अलॉट की थी। लेकिन कंपनी बीच में ही सरेंडर कर गई और पार्किंग में जो भी सीसीटीवी कैमरे व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने डेवलप किया, वह सब उतारकर ले गई। मीटिंग में यह भी तय हुआ कि 99 पेड पार्किंग और एक मल्टीलेवल पार्किंग को अलॉट करने में बिल्डर की भागीदारी और योग्यता पर चर्चा पार्किंग जोन का रिजर्व प्राइज तय कर की जाए।
एमसी पूरे शहर की पार्किंग को चार जाेन में बांटेगी
एमसी पूरे शहर की पार्किंग को चार जोन में बांटकर अलॉट करेगी। जोन-एक में सेक्टर-16 और 17 की पार्किंग को रखा गया है। जोन टू में सेक्टर-22, 34, 35 और 43 शामिल सेक्टर-22, 34, 35 और 43 को जोन टू में रखा गया है। तीसरे जोन में सेक्टर-20, 26, मनीमाजरा, एंलाते माल, इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1, फन रिपब्लिक एंड टूरिस्ट बस पार्किंग को रखा है। जबकि चौथे जोन में सेक्टर-7, 8 और 9 को रखा है।
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