लावारिस पशुओं के कारण बढ़ रहे हादसों पर मानव अधिकार आयोग सख्त
पंचकूला नगर निगम को अब जवाब दायर करना होगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंचकूला में लावारिस पशुओं पर लगाम लगाने में पंचकूला नगर निगम पूरी असफल रहा है। यही कारण है कि पिछले दिनों एक युवक लावारिस पशुओं का शिकार हो गया और उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इस बाबत समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार पर हरियाणा मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस एसके मित्तल, सदस्य केसी पुरी व दीप भाटिया पर आधारित बेंच ने पंचकूला नगर निगम के कमिश्नर से जवाब तलब करते हुए पूछा कि लावारिस पशुओं पर लगाम लगाने में निगम विफल क्यों है। आयोग ने 21 अप्रैल तक जवाब दायर करने का निगम को आदेश दिया है। प्रकाशित समाचार के अनुसार शनिवार देर रात एक युवक की मौत हो गई थी। 22 वर्षीय शहबाज की गई थी जान
जानकारी के अनुसार रामगढ़ निवासी 22 वर्षीय शहबाज मनीमाजरा में प्राइवेट नौकरी करता था। शनिवार की रात वह अपने घर रामगढ़ बाइक पर जा रहा था। जब वह सेक्टर-26 पहुंचा तो सामने दो पशु आ गए। एक से वह टकरा गया और घायल होकर सड़क पर गिर गया। जिसके तुरंत बाद उसे उपचार के लिए सेक्टर-26 स्थित प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे पीजीआइ रेफर कर दिया गया। पीजीआइ ले जाते समय उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। शहबाज दो बहनों का अकेला भाई था और घर मे अकेला ही कमाने वाला था। इससे पहले भी जा चुकी हैं कई जानें
समाचार पर संज्ञान लेकर आयोग ने सवाल किया कि यह पहला मौका नहीं है जब लावारिस पशु से टकराने के कारण किसी की मौत हुई हो। इससे पहले भी गांव बुढ़नपुर सेक्टर-25, 26 और 15 में लावारिस पशु से टकराने के चलते बाइक सवारों की मौतें हो चुकी हैं। नगर निगम द्वारा इस संबंध में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।