सदन की बैठक आज, गरमाएगा सड़कों और एसटीपी का मामला
नगर निगम की बुधवार को सदन की बैठक होने जा रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम की बुधवार को सदन की बैठक होने जा रही है। यह बैठक काफी हंगामेदार होने की उम्मीद है क्योंकि पार्षद शहर की सड़कों की हालत काफी खस्ता होने पर अधिकारियों को घेरना चाहते हैं। वहीं, बैठक में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट के लिए फ्रांस सरकार से लिए जाने वाले लोन की राशि वापस लौटाने के प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा। सदन तय करेगा कि यह राशि स्मार्ट सिटी लौटाएगी या नगर निगम। दोनों में से कोई भी फैसला हो लेकिन लोन लौटाने के लिए चंडीगढ़ में पानी के रेट बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा। क्योंकि रेट बढ़ाए बिना लोन की राशि लौटाई नहीं जा सकती है। शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट के लिए 550 करोड़ रुपये फ्रांस सरकार से लिए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। इस समय पूरे शहर की पानी की सप्लाई नगर निगम के अंतर्गत है। ऐसे में अगर स्मार्ट सिटी को ही लोन चुकाने की जिम्मेदारी दी जाएगी तो इसके साथ ही जनस्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से स्मार्ट सिटी के कंट्रोल में आ जाएगा और पानी के रेट भी बिना पार्षदों और सदन की मंजूरी के बिना स्मार्ट सिटी खुद ले सकती है। जबकि नगर निगम इस अहम विभाग में अपना कंट्रोल चाहता है। सदन में 75 अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव भी चर्चा के लिए आ रहा है। रोज फेस्टिवल पर 86 लाख रुपये खर्च करने का प्रस्ताव भी पास होने के लिए आ रहा है।
550 करोड़ का एसटीपी टेंडर का मामला भी गरमाएगा
बैठक में 550 करोड़ का एसटीपी का टेंडर निकालने का मामला भी गरमाएगा क्योंकि स्मार्ट सिटी ने टेंडर निकालने के बाद नगर निगम से इसकी मंजूरी मांगी है। यह मंजूरी सदन की बैठक में आ रही है। स्मार्ट सिटी के तहत बनाए जा रहे है एसटीपी प्लांट्स की 15 साल तक मेंटेनेंस और ऑपरेशन की लागत एमसी पर 238 करोड़ रुपये पड़ रही है। इसके साथ ही 15 साल का बिजली का खर्चा भी 289 करोड़ रुपये अलग से पड़ रहा है। कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि यह गलत है कि टेंडर के बाद नगर निगम से मंजूरी ली जा रही है। इसमें बड़ा खेल है जिस पर अधिकारियों से सदन में सवाल-जवाब किए जाएंगे। ऐसी सड़कों की हालत कभी नहीं रही
कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला का कहना है कि इस समय जो सड़कों की खस्ता हालत है, ऐसे शहर में कभी नहीं हुई। केंद्र में सरकार भाजपा की। सांसद और मेयर भाजपा का। इसके बावजूद शहर की सड़कों की कारपेटिग के लिए नगर निगम के पास फंड नहीं है। कांग्रेस कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ था। शहरवासी कांग्रेस के कार्यकाल को याद कर रहे हैं। सड़कों का मामला सदन में उठाया जाएगा।