सिख जत्थे के साथ पाक गई होशियारपुर की लड़की ने मुस्लिम युवक से किया निकाह
-निकाह से पहले लाहौर की जामा मस्जिद में कुबूला इस्लाम, नाम भी बदला -सोशल नेटवर्किग साइट फ
-निकाह से पहले लाहौर की जामा मस्जिद में कुबूला इस्लाम, नाम भी बदला
-सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर हुई थी दोनों की जान पहचान
-पाक विदेश विभाग के कार्यालय में वीजा अवधि बढ़ाने को लगाई अर्जी
-अर्जी में कहा- अपनी मर्जी से किया निकाह, लौटने से इन्कार
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राजिंदर सिंह रूबी, अटारी बॉर्डर: खालसा सिरजना (सृजन) दिवस के लिए पाकिस्तान गए भारतीय सिख श्रद्धालुओं के जत्थे में शामिल होशियारपुर निवासी हिंदू युवती किरण बाला ने लाहौर के रहने वाले मुस्लिम युवक मोहम्मद आजम के साथ वहां निकाह कर लिया। दोनों में फेसबुक के जरिए जान-पहचान हुई थी। यह जानकारी पाकिस्तान से लौटे जत्थे के कुछ श्रद्धालुओं ने युवती के परिजनों को दी। जत्थे के बाकी लोग 21 अप्रैल को लौटेंगे।
होशियारपुर के गांव गढ़शकर की रहने वाली हिंदू परिवार की किरण बाला 12 अप्रैल को सिख श्रद्धालुओं के जत्थे में शामिल होकर अटारी से विशेष रेल गाड़ी से श्री पंजा साहब गई थी। वहां उसने अपने फेसबुक दोस्त दोस्त मोहम्मद आजम के साथ लाहौर की जामा मस्जिद में इस्लाम कुबूल किया। वहीं पर निकाह के बाद उसने अपना नाम आमना बीबी रख लिया है। लड़की के परिजनों को इस बात का पता उस समय चला जब युवती ने इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान विदेश विभाग के कार्यालय में एक अर्जी दायर की। इसमें युवती ने कहा है कि उसने अपनी मर्जी से लाहौर निवासी मोहम्मद आजम से निकाह किया और वह 21 अप्रैल को भारत लौटने वाले जत्थे के साथ वापस नहीं जाएगी। इसमें यह भी लिखा है कि उसके वीजा की अवधि 21 अप्रैल को खत्म हो रही है, इसलिए उसे अगले तीन महीने का वीजा दिया जाए, ताकि वह पाकिस्तान में रह सके। 16 अप्रैल को जत्थे से अलग हुई
गढ़शकर निवासी किरण बाला की उम्र 31 साल है। सूत्रों के मुताबिक किरण बाला ने 16 अप्रैल को लाहौर मस्जिद में निकाह करवाया और उसी दिन से ही वह भारतीय सिक्ख जत्थे से अलग होकर भाग निकली थी। उस की तलाश में पाकिस्तान की ख़ुफिया एजेंसिया व पुलिस अधिकारी लाहौर, ननकाना साहिब और पंजा साहब में छापेमारी कर रहे थे। इसी दौरान उसने वीजा के लिए अर्जी लगा दी।