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पीयू सीनेट में होगा हिदी विभाग का दबदबा, तीन प्रोफेसर नॉमिनेटेड लिस्ट में

पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट में इस बार हिदी विभाग का पूरा दबदबा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 07:18 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 07:18 PM (IST)
पीयू सीनेट में होगा हिदी विभाग का दबदबा, तीन प्रोफेसर नॉमिनेटेड लिस्ट में
पीयू सीनेट में होगा हिदी विभाग का दबदबा, तीन प्रोफेसर नॉमिनेटेड लिस्ट में

डा. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

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पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट में इस बार हिदी विभाग का पूरा दबदबा रहा है। पहली बार एक ही विभाग से तीन प्रोफेसर का चांसलर ने नॉमिनेशन किया गया है। अब तक किसी भी विभाग से इतनी संख्या में प्रोफेसर सीनेट में नहीं पहुंचे हैं। हिदी विभाग से प्रो. गुरमीत सिंह, प्रो. अशोक कुमार और प्रो. योजना रावत सीनेट नॉमिनेटेड लिस्ट में शामिल हैं। प्रो. गुरमीत सिंह तो लगातार तीसरी बार नॉमिनेटेड होकर सीनेट में पहुंचे हैं। प्रो. गुरमीत की केंद्र सरकार की ब्यूरोक्रेसी में मजबूत पकड़ मानी जाती है।

पीयू के ही डेंटल कॉलेज से भी इस बार दो मौजूदा और एक पूर्व प्रोफेसर को सीनेट में जगह मिली है। डेंटल कॉलेज के डायरेक्टर प्रो. हेमंत बत्रा, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन प्रो. जगत भूषण एक ही विभाग से हैं। पीजीआइ दंत विभाग से नॉमिनेट हुए प्रो. कृष्ण गाबा भी पीयू डेंटल कॉलेज में डायरेक्टर रह चुके हैं। लिस्ट में इस बार हिमाचल को सबसे अधिक तवज्जो दी गई है। नॉमिनेट हुए करीब छह प्रोफेसर हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं। हरियाणा से जुड़े सिर्फ दो लोगों को सीनेट में जगह मिली है, जबकि पंजाब को बीते वर्षो के मुकाबले इस बार काफी कम तवज्जो मिली है। सोशल वर्क विभाग के प्रो. गौरव गौड़ नॉमिनेटेड लिस्ट में सबसे कम उम्र के सीनेटर हैं। पूर्व कुलपति अरुण ग्रोवर तीसरी बार सीनेट में बैठेंगे। वरिष्ठ सीनेटर सत्यपाल जैन लगातार 11वीं बार पीयू सीनेट में पहुंचे हैं। वह नई सीनेट में सबसे वरिष्ठ सीनेटर हो गए हैं। पहली बार नॉमिनेशन लिस्ट में महिलाओं को तवज्जो दी गई है। लिस्ट में सांसद किरण खेर सहित आठ महिला प्रोफेसर सीनेट में पहुंचेंगी।

सीनेट में बाहरी लोगों की एंट्री हुई कम

पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट की 36 नॉमिनेटेड सीटों के लिए इस बार कैंपस की राजनीति पूरी तरह से हावी रही है। पहली बार सीनेट में बाहर के लोगों की जगह कैंपल फैकल्टी को तवज्जो दी है। सीनेट नॉमिनेटेड लिस्ट में पीयू कुलपति प्रो. राजकुमार, वरिष्ठ सीनेटर सत्यपाल जैन और एक पूर्व कुलपति का मजबूत होमवर्क दिखा है। सीनेट में कुलपति को मजबूत करने के लिए अधिकतर फैकल्टी को जगह दी गई है। सीनेट से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि नॉमिनेशन में सिर्फ उन्हीं लोगों को जगह दी गई है, जोकि सीनेट में कुलपति को मजबूत कर सकें। पीयू सीनेट में शहर की राजनीति भी हमेशा हावी रही है, लेकिन इस बार बीजेपी के ही दो गुटों में कड़ा मुकाबला था, जिसमें सत्यपाल जैन ने बाजी मार ली है। जबकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन सीनेट में सीट नहीं निकाल पाए। पीयू के साथ ही शहर में बीजेपी की राजनीति को सीनेट नॉमिनेशन से जोड़ा जा रहा है। सत्यपाल जैन ने पूर्व मेयर देवेश मोदगिल के साथ ही एक अन्य पीयू फैकल्टी चेयरमैन को सीनेट में जगह दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


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