स्कूल में मौजूद पेड़ो को काटने पर हाई कोर्ट की रोक
सेक्टर-36 के गवर्नमेंट मॉडल स्कूल में हरे-भरे सफेदे के पेड़ों की कटाई के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : सेक्टर-36 के गवर्नमेंट मॉडल स्कूल में हरे-भरे सफेदे के पेड़ों की कटाई के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने मामले में चंडीगढ़ प्रशासन सहित डीसी, हॉर्टिकल्चर विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजिनियर और स्कूल की प्रिसिपल को नोटिस जारी कर चार मार्च तक जवाब तलब किया है। साथ ही अगली सुनवाई तक यहां किसी भी पेड़ की कटाई पर पूरी तरह से रोक लगाए जाने के आदेश दिए हैं।
चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने यह आदेश मामले को लेकर स्थानीय निवासी और एडवोकेट सुदीप महाजन द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। याचिका में याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया है कि वर्ष 1970 से जब से यह स्कूल यहां बना था, यहां कई सफेदे के पेड़ लगे हुए हैं जो समय के साथ काफी विकसित हो गए हैं। सभी के सभी पेड़ हरे-भरे हैं। यह पेड़ पर्यावरण संरक्षण में सहायक हैं। अब तक काटे जा चुके हैं 10 से 15 पेड़
याचिका में बताया गया कि 12 नवंबर से ही अचानक स्कूल में हरे-भरे पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई और अब तक 10 से 15 हरे-भरे और पूर्ण विकसित पेड़ों को कटा जा चूका है। इन पेड़ों की कटाई के बारे में याचिकाकर्ता ने जब स्कूल प्रबंधन से बात की तो पता चला कि इन पेड़ों की कटाई यहां स्कूल के पास के कुछ प्रभावशाली लोगों के दबाव में की जा रही है जो लगातार इन पेड़ों की कटाई का दबाव बना रहे थे। क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं पेड़ उनकी कारों पर गिर कर नुकसान न पहुंचाएं। याचिकाकर्ता ने कहा की हरे-भरे पेड़ों की कटाई नहीं की जानी चाहिए।