हाई कोर्ट के निर्देश, कर्फ्यू में छूट से पहले MHA अधिकारियों के साथ बैठक करें अधिकारी
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को कर्फ्यू में छूट देने से पहले अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों से बैठक करने को कहा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में कर्फ्यू में ढील को लेकर शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुुुुई।याची ने बताया की कोर्ट ने कहा कि जब यूटी ने सब कुछ खोल ही दिया है तो कोर्ट व मंदिर भी खोल दे। माननीय न्यायाधीश ने कहा कि सुखना लेक पर उन्होंंने देखा कि कितने लोग घूम रहे हैं, जो गलत है। कोर्ट ने कहा की सभी पक्ष 24 घंटे में केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के अधिकारियों के साथ बैठक करें और विचार किया जाए कि चंडीगढ़ प्रशासन ने जो छूट दी है क्या वह MHA द्वारा जारी गाइडलाइन अनुसार हैैै।
इस पर चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने आग्रह किया कि लॉकडाउन के केवल दो दिन शेष रह गए हैं। नई गाइडलाइन जारी होने वाली है। अगर इसी बीच कुछ बदलाव किया जाता है तो लोगों के बीच कंफ्यूजन होगा। इस पर बेंच ने कहा कि आगे से जो भी गाइडलाइन जारी होने वाली है यूटी प्रशासन उसके तहत ही छूट व निर्णय ले। छूट देने से पहले प्रशासन MHA अधिकारियों के साथ बैठक करे।
बता दें, इससे पहले गत दिवस भी इस मामले पर सुनवाई हुई थी। मामले में प्रशासन को 24 घंटे के अंदर इस विषय पर जवाब देने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने प्रशासन के फैसले पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि अभी सामान्य स्थिति नहीं है लेकिन प्रशासन कैसे इसको सामान्य मानकर बाजार खोलने व भीड़ एकत्रित करने की गलती कर रहा है।
चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने यह नोटिस एडवोकेट पंकज चांदगोठिया द्वारा दायर जनहित याचिका पर वीरवार को चली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करीब 100 मिनट चली सुनवाई के बाद जारी किया है। दायर जनहित याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया है कि जब केंद्र सरकार ने शहर को रेड जोन में रखा है तो क्यों यहां इतनी ढील दी जा रही है। शहर को रेड जोन घोषित किया है, बावजूद इसके नगर प्रशासन ने शहर में सुबह 7 से शाम 7 बजे तक बाजारों को खोलने का फैसला कर लिया और बाजार खोल दिए, न ही वाहनों की आवाजाही ही कोई रोक लगाई गई है। इंटर-स्टेट ट्रैफिक पर भी कोई नियंत्रण नहीं किया जा रहा मोहाली और पंचकूला से आने वाले वाहनों को बिना पास के ही शहर में प्रवेश की इजाजत दे दी गई है। नतीजा यह हुआ है कि सड़कों पर वाहनों की भरमार हो गई है। यह सब केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 2 मई को जारी गाइडलाइन्स का उलंघन है। कंटेनमेंट ज़ोन भी गाइडलाइन्स के अनुसार तय नहीं की गई है।