आरडब्ल्यूए की याचिका पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार व बिल्डर को दिया नोटिस
निकाय अधिकारियों तथा बिल्डर को 25 नवंबर तक स्थिति स्पष्ट करने के लिए नोटिस जारी किया है।
जागरण संवाददाता, जीरकपुर : पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने जीरकपुर की विक्टोरिया हाईट्स सोसायटी में बिल्डरों ने पार्क के लिए आरक्षित रखी साइट में पार्क की जगह फ्लैट व दुकानों का निर्माण करने का सख्त नोटिस लेते हुए पंजाब सरकार, स्थानीय निकाय अधिकारियों तथा बिल्डर को 25 नवंबर तक स्थिति स्पष्ट करने के लिए नोटिस जारी किया है। सभी पार्टियों को यह अंतिम अवसर दिया गया है। इस बीच अगर वह पेश नहीं होते हैं तो एक दिसंबर के बाद इस केस में बहस शुरू हो जाएगी। क्या है पूरा मामला
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रधान सुखदेव चौधरी ने आरडब्ल्यूए द्वारा विक्टोरिया हाईट्स रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा हाई कोर्ट में डाली गई याचिका के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह बिल्डरों द्वारा पार्क के लिए आरक्षित की गई जमीन पर न केवल दुकानें बना दी गई हैं बल्कि फ्लैट्स भी बना दिए हैं। उन्होंने बताया कि बिल्डर द्वारा रेरा में गलत नक्शा देकर रेरा नंबर ले लिया गया। दिलचस्प बात यह है कि जब ज्वाइंट एक्शन कमेटी और आरडब्ल्यूए ने पड़ताल की तो तहसीलदार का दावा है कि वह केवल रिकॉर्ड देखकर ही रजिस्ट्री करते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर याचिका में विक्टोरिया हाईट्स की आरडब्ल्यूए ने यह आरोप भी लगाया के बिल्डर द्वारा गैरकानूनी ढंग से लिए गए रेरा नंबर व पार्क को खत्म कर उस पर फ्लैट बनाए जा रहे हैं, जिस पर नगर परिषद किसी भी तरह की कोई कार्रवाई करने में असमर्थ नजर आ रही है। गौरतलब है कि यह प्रोजेक्ट 2010 से में शुरू हुआ था मगर आज तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सकता है। सुखदेव चौधरी ने कहा कि ज्वाइंट एक्शन कमेटी लोगों के संघर्ष में हर तरह का सहयोग करेगी। याचिका में आरडब्ल्यूए ने पंजाब की मुख्य सचिव, स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, निदेशक स्थानीय निकाय विभाग, जिला उपायुक्त मोहाली, जीरकपुर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी, चीफ टाउन प्लानर में शिकायत अथॉरिटी, फार्च्यून मल्टीटेक प्राइवेट लिमिटेड, रेरा पंजाब तथा निदेशक फार्च्यून मल्टीटेक प्राइवेट लिमिटेड को पार्टी बनाया है। अब आगे क्या होगी कार्रवाई
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा याचिका में पार्टी बनाए गए सभी पक्षों को 25 नवंबर तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। हाई कोर्ट इससे पहले भी दो अवसर प्रदान कर चुका है लेकिन पंजाब सरकार तथा बिल्डर द्वारा अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। जिसके चलते अब अंतिम अवसर दिया गया है। इसके बाद अदालत द्वारा एक तरफा कार्रवाई करते हुए इस केस को बहस के लिए लगा दिया जाएगा।