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10 दिन के भीतर नीड बेस्ड पॉलिसी जारी करे हाउसिंग बोर्ड

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को कटघरे मे

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 05:56 AM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 05:56 AM (IST)
10 दिन के भीतर नीड बेस्ड पॉलिसी जारी करे हाउसिंग बोर्ड
10 दिन के भीतर नीड बेस्ड पॉलिसी जारी करे हाउसिंग बोर्ड

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हाईकोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड को 10 दिन के भीतर नीड बेस्ड पॉलिसी जारी करने को कहा है। जस्टिस सूर्यकात और जस्टिस सुदीप आहलूवालिया की खंडपीठ ने नीड बेस्ड चेंज की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया है। हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को कहा है कि नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज करने के लिए बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट को फाइनल करें। हाउसिंग बोर्ड द्वारा शहर में लोगों को मिसयूज और वॉयलेशन के लिए जारी किए गए नोटिसों पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह आदेश सुनाया है। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने नीड बेस्ड चेंज को लेकर एक कमेटी का गठन किया हुआ है। यह कमेटी चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को अपनी रिपोर्ट दे चुकी है। इस रिपोर्ट के अनुसार शहर में हाउसिंग बोर्ड के मकानों में लोगों द्वारा अपनी जरूरत के अनुसार किए गए अधिकाश निर्माण रेगुलराइज हो जाएंगे। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज करने के लिए होने वाली है। इस बैठक में नीड बेस्ड चेंज की रेगुलराइजेशन पर मुहर लग जाएगी। हाउसिंग बोर्ड के निदेशक मंडल की 23 अगस्त को हुई बैठक में भी नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज करने को लेकर चर्चा हुई थी। वन टाइम सेटलमेंट होगी

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हाउसिंग बोर्ड के मकानों की चेंज को रेगुलराइज करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट फीस ली जाएगी। चंडीगढ़ प्रशासन भी इस पर अपनी सहमति जता चुका है। ऐसे सभी निर्माण कार्य, जोकि बाउंड्री लाइन तथा स्काइलाइन के भीतर बने हैं, उन्हें रेगुलराइज किया जाएगा। सीएचबी रेजिडेंट फेडरेशन की डिमाड है कि वन टाइम सेटलमेंट की फीस लोगों की पहुंच के भीतर होनी चाहिए। हाउसिंग बोर्ड 200 से लेकर 500 रुपये प्रति वर्ग फुट तक वन टाइम सेटलमेंट फीस रख सकता है। हाउसिंग बोर्ड नया वर्ष 2010 में भी वन टाइम सेटलमेंट के तहत 50 रुपये प्रति वर्ग फुट रेगुलराइजेशन फीस निर्धारित की थी, लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ी। 80 प्रतिशत मकानों में बदलाव

हाउसिंग बोर्ड के शहर में 60 हजार फ्लैट्स है। इनमें से 80 प्रतिशत में लोगों ने अपनी जरूरत के अनुसार निर्माण किया हुआ है। सीएचडी रेजिडेंट फेडरेशन के चेयरमैन प्रोफेसर निर्मल दत्त के अनुसार रेगुलराइजेशन की पॉलिसी का तभी फायदा होगा, जब इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले। नोटिस वापस होंगे

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर नरेंद्र कौशिक एवं तरसेम गर्ग के अनुसार नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज करने के लिए शीघ्र ही बोर्ड की बैठक बुलाई जा रही है। ऐसे सभी फ्लैट, जिनकी नीड बेस्ड चेंज रघुराज हो जाएगी, उनके नोटिस चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड वापस ले लेगा। ऐसे मकान जिनके अलॉटमेंट रद की जा चुकी है, उनके केस पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। नई कंस्ट्रक्शन पर लगेगी रोक

हाउसिंग बोर्ड जहा मकानों में पुरानी कंस्ट्रक्शन को राहत देने जा रहा है, वहीं, भविष्य में मकानों में कोई भी नई कंस्ट्रक्शन नहीं होने दी जाएगी। ऐसे अलॉटी जो अपने मकानों में नहीं कंस्ट्रक्शन करेंगे, उन्हें बोर्ड न केवल नोटिस जारी करेगा, बल्कि पेनल्टी भी लगाएगा। इसके लिए बोर्ड अपनी टीमों का गठन कर रहा है। नया बोर्ड बनने पर होगी मीटिंग

चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के निदेशक मंडल का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो चुका है। नीड बेस्ड चेंज के रेगुलराइजेशन का प्रस्ताव नए बोर्ड के गठन के बाद मीटिंग में आएगा। मौजूदा समय में चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड में 3 नामिनेटेड डायरेक्टर हैं। दिन में प्रेम कौशिक, तरसेम गर्ग और रघुवीर लाल अरोड़ा शामिल हैं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार 1 सप्ताह के भीतर ही बोर्ड के नए सदस्यों की नियुक्ति हो जाएगी। इसके तत्काल बाद 20 सितंबर से पहले नए बोर्ड की मीटिंग बुला ली जाएगी। इस मीटिंग में नीड बेस्ड चेंज को रेगुलराइज करने का प्रस्ताव आएगा।


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