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Chandigarh HC: घर में पत्नी और मां द्वारा दिया गया योगदान अमूल्य, पैसे के मामले में नहीं की जा सकती गणना

चंडीगढ़ के हाई कोर्ट ने टिप्‍पणी करते हुए कहा है कि घर में पत्‍नी और मां द्वारा दिया गया योगदान अमूल्‍य है। गृहिणी द्वारा प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवाओं को उसकी मृत्यु की स्थिति में नुकसान की गणना करते समय आवश्यक रूप से ध्यान में रखा जाना चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Sat, 01 Apr 2023 04:09 PM (IST)Updated: Sat, 01 Apr 2023 04:09 PM (IST)
Chandigarh HC: घर में पत्नी और मां द्वारा दिया गया योगदान अमूल्य, पैसे के मामले में नहीं की जा सकती गणना
घर में पत्नी और मां द्वारा दिया गया योगदान अमूल्य

चंडीगढ़, जागरण संवाददाता: चंडीगढ़ के हाई कोर्ट ने टिप्‍पणी करते हुए कहा है कि एक महिला मां और पत्नी के रूप में 24 घंटे सेवा देती है, उसके कर्तव्य कभी निश्चित नहीं होते। गृहिणी द्वारा प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवाओं को उसकी मृत्यु की स्थिति में नुकसान की गणना करते समय आवश्यक रूप से ध्यान में रखा जाना चाहिए।

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मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण द्वारा महिला की मौत पर परिजनों को 16.52 लाख रुपये मुआवजा देने के आदेश के खिलाफ बीमा कंपनी की अपील को निरस्त करते हुए हाई कोर्ट ने टिप्पणी की है।

ये है मामला

बस से उतरते समय महिला की मौत हो गई थी। चालक ने अचानक बस चला दी थी, जिससे महिला बस की चपेट में आ गई थी। स्वजनों ने 16 लाख मुआवजे की मांग की थी, जबकि बीमा कंपनी ने कहा कि महिला कुछ करती नहीं थी, इतना मुआवजा नहीं दिया जा सकता।

नोट: खबर अपडेट की जा रही है। 


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