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बेल्जियम में चार लाख रुपये में बिकेगी पंजाब यूनिवर्सिटी की हेरिटेज चेयर Chandigarh News

यह पहली बार नहीं है जब चंडीगढ़ की बेशकीमती अमानत देश से बाहर नीलाम हो रही हो। इससे पहले भी फ्रांस रूस ब्रिटेन यूएसए जैसे देशों में फर्नीचर नीलाम हो चुका है।

By Edited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 10:57 AM (IST)
बेल्जियम में चार लाख रुपये में बिकेगी पंजाब यूनिवर्सिटी की हेरिटेज चेयर Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर की बेशकीमती विरासत सुरक्षित नहीं है। एक बार फिर लेजेंड आर्किटेक्ट पियरे जेनरे का डिजाइन हेरिटेज फर्नीचर नीलाम होने जा रहा है। इस बार यह ऑक्शन बेल्जियम ब्रुसेल्स के ऑक्शन हाउस में 17 सितंबर को होने वाली है। इस ऑक्शन में जेनरे की डिजाइन लाइब्रेरी चेयर रखी गई है। जिसकी अनुमानित कीमत सवा तीन लाख रुपये निर्धारित की गई है।

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जेनरे ने यह चेयर पंजाब यूनवर्सिटी के लिए डिजाइन की थी। जिसका लॉट नंबर-60 था। हेरिटेज फर्नीचर को सहेजने के लिए आवाज बुलंद करने वाले एडवोकेट अजय जग्गा ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखकर इस ऑक्शन को रुकवाने की अर्जी भेजी है। उपराष्ट्रपति पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं और ऑक्शन वाली चेयर भी पीयू की है। इसलिए शिकायत उन्हें भेजी है। चांसलर के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी शिकायत की गई है।

आखिर कैसे पहुंच रहा फर्नीचर बाहर

यह पहली बार नहीं है जब चंडीगढ़ की बेशकीमती अमानत देश से बाहर नीलाम हो रही हो। इससे पहले भी फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, यूएसए जैसे देशों में फर्नीचर नीलाम हो चुका है। पहले से जानकारी होने के बावजूद इसे रोका नहीं जा सका। एडवोकेट अजय जग्गा ने एंबेसी को शिकायत कर यह सवाल उठाया है कि आखिर शहर का फर्नीचर सरहद पार कैसे पहुंच रहा है। इस तस्करी के पीछे एक पूरा रैकेट काम कर रहा है।

गवर्नमेंट प्रेस की जगह बनेगा म्यूजियम

सेक्टर-18 स्थित गवर्नमेंट प्रेस को बंद करने के आदेश हो चुके हैं। इसे बंद कर यहां एंटीक म्यूजियम डेवलप किया जाएगा। यह म्यूजियम शहर की विरासत के लिए होगा। हेरिटेज फर्नीचर से लेकर दुर्लभ आइटम यहां रखी जाएंगी। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने तुरंत प्रभाव से प्रेस को बंद करने के आदेश दिए हैं। इसके लिए प्रशासन के अधिकारी को डांट तक पड़ चुकी है। प्रेस में 250 इंप्लाइज का स्टाफ है। इसे दूसरे डिपार्टमेंट में शिफ्ट किया जा रहा है। टेक्निकल स्टाफ को पहले एडजस्ट किया जा रहा है। प्रेस की जो सबसे पुरानी मशीन उसे भी म्यूजियम में दिखाने के लिए सहेज कर रखा जाएगा। यह शहर का दूसरा सबसे बड़ा म्यूजियम होगा। इस म्यूजियम की खासियत यह होगी कि इसमें ली कार्बूजिए और उनके कजिन पियरे जेनरे की क्रिएशन डिस्प्ले की जाएंगी। आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया ने यूटी प्रशासन को हेरिटेज फर्नीचर को सहेजने के लिए म्यूजियम बनाने की सुझाव दिया था।

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