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सरोद वादन और खूबसूरत कथक का हेमंतोत्सव

तीन दिवसीय हेमंतोत्सव का रविवार को टैगोर थिएटर में समापन हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 09:29 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:11 AM (IST)
सरोद वादन और खूबसूरत कथक का हेमंतोत्सव
सरोद वादन और खूबसूरत कथक का हेमंतोत्सव

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्राचीन कला केंद्र की ओर से आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय हेमंतोत्सव का रविवार को टैगोर थिएटर में समापन हो गया। जिसमें दिल्ली से आए सधे हुए सरोद वादक जयदीप घोष और प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना कविता ठाकुर ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संगीत नाटक अकादमी के चैयरमैन कमल अरोड़ा ने शिरकत की। कार्यक्रम में दो प्रस्तुतियों दी गई जिसमें पहले मशहूर सरोद वादक पंडित जयदीप घोष ने अपने मधुर सरोद वादन की प्रस्तुति दी। जयदीप ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा पंडित अनिल राय चौधरी से प्राप्त की है। बाद में संगीताचार्य राधिका मोहन पद्मभूषन बुद्धदेव दासगुप्ता से संगीत की बारीकियां सीखी। इन्होंने देश ही नहीं, विदेशों में भी अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन किया। दूसरी ओर डॉ. कविता ठाकुर लखनऊ की सबसे प्रतिभाशाली एवं कुशल कथक नृत्यांगना हैं। कविता ने संगीत की शिक्षा गुरु मुन्ना शुक्ला से प्राप्त की है। कविता ने बहुत से बेलै का सफल निर्देशन किया है। आइसीसीआर एवं दूरदर्शन की ए ग्रेड कलाकार होने के साथ-साथ मंझी हुई गुरु भी हैं। राग हेम कल्याण से शुरू हुआ कार्यक्रम

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कार्यक्रम की शुरुआत राग हेम कल्याण से की गई जिसमें अलाप के बाद जोड़ की सुंदर प्रस्तुति देकर जयदीप ने दर्शकों को सहज ही अपने संगीत से बांध लिया। उसके बाद राग सांझ सरावलि राग में निबद्ध दो गतें पेश की। इस मोहक प्रस्तुति के पश्चात डॉ. कविता ठाकुर ने मंच संभालते हुए सबसे पहले साई भजन प्रस्तुत करके कार्यक्रम की भक्तिमयी शुरुआत की। उसके बाद एकल प्रस्तुति में कविता ने छौताल में पारंपरिक नृत्य पेश किया जिसमें तोड़े टुकड़े परन गत इत्यादि का सुन्दर प्रदर्शन किया। उल्लास से बटोरी तालियां

इसके पश्चात कविता के समूह द्वारा उल्लास प्रस्तुत किया गया जिसमें भाव और पारंपरिक नृत्य का मोहक प्रदर्शन करके दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम का समापन नृत्य नाटिका गंगा से किया जिसमें इन्होंने गंगा के पावन रूप को एवं इसके गुणों की खूबसूरत प्रस्तुति नृत्य के माध्यम से पेश करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। कविता के समूह में अभिषेक खिची मयुख भट्टाचार्य एवं सुजाता गावड़े ने साथ दिया। कार्यक्रम के समापन पर केंद्र कि रजिस्ट्रार डॉ. शोभा कोसर एवं सचिव सजल कोसर ने कलाकारों को सम्मानित किया।


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