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चंडीगढ़-मोहाली बार्डर एरिया सील, हजारों की तादाद में मुख्यमंत्री आवास घेरने निकले किसान, यूटी पुलिस ने रोका

चंडीगढ़- मोहाली बार्डर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। चंडीगढ़ पुलिस विभाग ने बार्डर एरिया को पूरी बंद कर दिया है। पूरा बार्डर एरिया पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। मौके पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी तैनात हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 26 Nov 2022 02:32 PM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2022 02:53 PM (IST)
चंडीगढ़-मोहाली बार्डर एरिया सील, हजारों की तादाद में मुख्यमंत्री आवास घेरने निकले किसान, यूटी पुलिस ने रोका
मोहाली- चंडीगढ़ बार्डर पर तैनात चंडीगढ़ पुलिस के जवान।

आनलाइन डेस्क, चंडीगढ़। चंडीगढ़- मोहाली बार्डर पूरी तरह से सील कर दिया गया है। चंडीगढ़ पुलिस विभाग ने बार्डर एरिया को पूरी बंद कर दिया है। पूरा बार्डर एरिया पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस जवानों के साथ पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को भी बार्डर एरिया में तैनात किया गया है। मोहाली की तरफ जाने वाली सड़क को दोनों तरफ से पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।

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चंडीगढ़ पुलिस ने सड़क पर बेरिकेडिंग कर वाहनों की आवाजाही को रोक दिया है। दोनों शहरों के बार्डर एरिया तीन लेयर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सबसे आगे बेरिकेडिंग की गई है। उसके बाद पुलिस जवानों को तैनात किया गया है और साथ में पुलिस की गाड़ियों को बीच सड़क पर खड़ा किया गया है। चंडीगढ़ पुलिस के 100 से ज्यादा जवानों को मौके पर तैनात किया गया है।

बता दें कि यह सब इंतजाम किसानों को चंडीगढ़ में घुसने से रोकने के लिए किए गए हैं। भारतीय किसान यूनियन एकता ढकौंदा जिला फाजिल्का के साथ पूरे पंजाब से विभिन्न किसान संगठन आज मोहाली की तरफ से चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने के लिए आ रहे हैं। किसान पानी के मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ धरना दे रहे हैं। 

मोहाली में अंब साहिब गुरुद्वारा साहिब में किसान चंडीगढ़ में पंजाब मुख्यमंत्री आवास घेरने की तैयारी कर रहे हैं।दोपहर करीब पौने 3 बजे किसानों ने मोहाली से चंडीगढ़ की तरफ कूच किया। हजारों की संख्या में किसान चंडीगढ़ में घूसने का प्रयास करेंगे।

भाकियू के प्रधान बलबीर सिंह ने भी 30 दिसंबर को चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा था कि पंजाब की नदियों का पानी जो पंजाब को अलॉट है वह भी हमें पूरा नहीं दिया जा रहा है। खेतों तक पहुंचने वाले रजबाहे और नहरें पूरी तरह से गाद से भरी हुई हैं जिन्हें साफ नहीं करवाया जा रहा है। इसलिए खालों के जरिए टेल एंड तक पहुंचने से पांच किलोमीटर पहले ही पानी खत्म हाे जाता है। 

किसानों की मांगे है

  • सभी फसलों पर एमएसीपी कानून बनाया जाए। 
  • लखीमपुर खीरी घटना के मुख्य दोषी अजय मिश्रा टैनी को केंद्रीय गृह मंत्री के पद से हटाकर गिरफ्तार किया जाए।
  • लखीमपुर खीरी घटना में गिरफ्तार 4 किसान नेताओं को रिहा किया जाए।
  • किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के किसानों पर दर्ज मामले रद किए जाएं।
  • चुनाव के दौरान किया गया किसानों के कर्ज माफ का वादा पूरे करे सरकार और इस बात को लिखित में दे सरकार।
  • किसानों की फसलों का बीमा सरकारी कंपनियों से करवाया जाए और बीमे की किस्त सरकार अदा करे।
  • 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को (महिला-पुरुष) सरकार 10 हजार बुढ़ापा पेंशन दे। 

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