इससे पहले कि रुक जाए धक-धक, चंडीगढ़ वालों अपना दिल बचा लो Chandigarh news
पीजीआई में एक महीने में 12 से 13 हजार मरीज देखें जा रहे हैं जबकि हर दिन 5 से 8 हार्ट सर्जरी की जा रही है। खान-पान और रहन-सहन में लापरवाही इसका सबसे बड़ा कारण है।
चंडीगढ़ [वीणा तिवारी]। सिटी ब्यूटीफुल के लोगों का दिल तेजी से कमजोर होता जा रहा है। खान-पान और रहन-सहन में की जा रही लापरवाही इसका सबसे बड़ा कारण बन रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते गलत आदतों पर काबू पाकर इसे रोका जा सकता है। लेकिन लोग आदत बदलने की बजाय खुद की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। अगर हार्ट पेशेंट की बढ़ती संख्या के आंकड़ों पर गौर करें तो यह हर महीने हजारों की तादात में बढ़ रही है।
पीजीआइ एडवांस कार्डियक सेंटर की ओपीडी के आंकड़े इसकी पुष्टी करते हैं। यहां एक महीने में 12 से 13 हजार मरीज देखें जा रहे हैं, जबकि हर दिन 5 से 8 हार्ट सर्जरी की जा रही है। मेक्स हॉस्पिटल के डायरेक्टर एवं कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर सक्सेना का कहना है कि समय रहते जरूरी जांच और लक्षणों के आधार पर पता लगाकर स्थिति काबू की जा सकती है। वर्ल्ड हार्ट-डे पर इस बार की थीम माई हार्ट, योर हार्ट रखी गई है।
डॉ. सक्सेना ने बताया कि हाल ही में सामने आए आंकड़े बताते हैं कि हार्ट फेलियर देश में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है और भर्ती होने के बाद मृत्यु दर 20 से 30 प्रतिशत है। अन्य देशों के मुकाबले भारत में यह स्थिति अधिक है। हालांकि, हार्ट फेलियर किसी भी उम्र में हो सकता है, मगर उम्र के साथ इसका खतरा बढ़ता चला जाता है।
दिल की बीमारियों के मुख्य कारण
बाहर का खाना जैसे फास्ट-फूड, जंक फूड का सेवन, मोटापा, शराब का सेवन, सिगरेट पीना, अतिरिक्त वसा वाला भोजन करना, शारीरिक गतिविधियां कम करना, तनाव लेना।
कैसे आता है हार्ट अटैक
हार्ट के ठीक से पंप नहीं कर पाने पर कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज हो जाता है जिसकी वजह से रक्त को ऑक्सीजन का प्रवाह होना कम हो जाता है और मनुष्य को हार्ट अटैक आ जाता है।
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार, समय से पहले होने वाली मौतों में से कम से कम 80 प्रतिशत (हार्ट के रोगों के कारण) खराब खानपान, तंबाकू का प्रयोग, एक्सरसाइज न करना और शराब के सेवन जैसे चार मेन कारकों को कंट्रोल कर ही हार्ट की बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण हर शरीर में अलग-अलग तरीके के होते हैं। कुछ लोगों के सीने में धीमा दर्द उठता है जबकि कुछ लोगों को एकदम से तीव्र दर्द होता है।
बचना है तो ऐसा करें
बाहर का खाना कम खाएं, डीप फ्राइड फूड न खाएं, मक्खन और चीज का सेवन कम करें, शक्कर वाली चीजें से परहेज करें, एल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें, स्मोकिंग को हमेशा के लिए न कहें, स्ट्रेस को खुद पर हावी न होने दें, वजन पर नजर रखें, कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराएं, रोजाना एक्सरसाइज करें।
आंकड़े बयां कर रहें हकीकत
माह 2017 2018 2019
जनवरी 9741 9964 11022
फरवरी 10994 11256 12152
मार्च 12265 14032 15251
अप्रैल 11218 13672 14212
मई 11961 13121 14151
जून 11529 13953 14952
जुलाई 11482 13752 14102
अगस्त 10982 11842 13529
हार्ट पेशेंट की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। इसके इलाज की आधुनिक तकनीक से इसपर काफी हद तक नियंत्रण भी पाया जा रहा है। तकनीक के साथ ही जागरूकता के बल पर काफी हद तक काबू किया जा सकता है, क्योंकि जाने-अनजाने में की जा रही लापरवाही से हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
डॉ. राजेश विजयवर्गीय, कार्डियोलॉजिस्ट, पीजीआइ एडवांस कार्डियक सेंटर।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें