रजिया व अरुणा को मंत्री पद से हटाने के मामले पर सुनवाई स्थगित
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पंजाब की मंत्री रजिया सुल्ताना व अरुणा चौधरी को पद से हटाने के लिए जनहित याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब की मंत्री रजिया सुल्ताना व अरुणा चौधरी को हटाने की दो अलग-अलग याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 26 जुलाई तक स्थगित कर दी है। इस मामले में याचिकाकर्ता का आरोप है कि दोनों के पति सरकारी कर्मचारी रहे है, नियमों के तहत किसी भी कर्मचारी की पत्नी या पति सरकारी कर्मचारी रहे है तो वे किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ सकते। इसी आधार पर इनका चुनाव अवैध है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा, आप नौकरी में कार्यरत किसी कर्मचारी के पारिवारिक सदस्यों को राजनीति में आने से कैसे रोक सकते हैं? एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सतपाल जैन ने बताया कि केजरीवाल की पत्नी आइआरएस अधिकारी हैं, सुषमा स्वराज जब मंत्री थी तो उनके पति गवर्नर रहे। इसके अलावा भी कई और उदाहरण हैं, जब पति या पत्नी सरकारी पद पर रहे और उनमें से एक मंत्री भी रहा। हाईकोर्ट के जजों के पति-पत्नी भी मंत्री रह चुके हैं।
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शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी पर आरोप
जगमोहन भटटी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि पंजाब की शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी ने नियमों को ताक पर रख कर चुनाव जीता है, जबकि नियमों के अनुसार वह चुनाव नही लड़ सकती थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि गवर्नमेंट इम्प्लाइज कंडक्ट रूल्स 1966 के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी का पति या पत्नी किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ सकती।
चौधरी के पति स्थानीय निकाय विभाग में अतिरिक्त निदेशक पद से सेवानिवृत हुए हैं और अरुणा कई बार एमएलए चुनी जा चुकी हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह उसका एमएलए का चुनाव रद करें।
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महिला एवं बाल विकास मंत्री रजिया सुल्ताना पर क्या है आरोप
हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि पंजाब की महिला एवं बाल विकास मंत्री रजिया सुल्ताना ने नियमों को ताक पर रख कर चुनाव जीता है जबकि नियमों के अनुसार वह चुनाव नही लड़ सकती थी।
याचिकाकर्ता का आरोप था कि गवर्नमेंट एम्प्लाइज कंडक्ट रूल्स 1966 के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी का पति या पत्नी किसी भी राजनैतिक दल से नही जुड़ सकती। लेकिन रजिया सुल्ताना के पति पंजाब में एडीजीपी के पद पर काम कर रहे है और वह तीन बार मलेरकोटला से बार एमएलए चुनी जा चुकी हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया कि वो उसका एमएलए का चुनाव रद्द करें।
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