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गुरमीत राम रहीम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई, फरीदकोट अदालत के प्रोडक्शन वारंट को दी है हाई कोर्ट में चुनौती

साध्वी यौनशोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम ने बेअदबी मामले में अग्रिम जमानत की याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दायर की है। याचिका में प्रोडक्शन वारंट का आदेश रद करने की मांग की गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 11:09 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 11:09 AM (IST)
गुरमीत राम रहीम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई, फरीदकोट अदालत के प्रोडक्शन वारंट को दी है हाई कोर्ट में चुनौती
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। फरीदकोट की अदालत द्वारा बेअदबी मामले में गिरफ्तारी के लिए जारी प्रोडक्शन वारंट के आदेश को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में डेरा प्रमुख ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए प्रोडक्शन वारंट का आदेश रद करने की मांग की है। हाई कोर्ट के जस्टिस अमोल रतन सिंह इस मामले में आज सुनवाई करेंगे। 

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बरगाड़ी में 2015 को हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में पंजाब पुलिस की एसआइटी ने डेरा सच्चा सौदा मुखी गुरमीत राम रहीम से पूछताछ करने की तैयारी की है। इसी के तहत फरीदकोट की अदालत ने गुरमीत राम रहीम को लाने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है।

एसआइटी ने गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप चोरी करने के मामले में फरीदकोट की प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आवेदन देकर डेरा मुखी को पूछताछ के लिए पंजाब लाए जाने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी करने की मांग की थी। अदालत ने आवेदन स्वीकार करते हुए डेरा मुखी को 29 अक्टूबर को अदालत में पेश करने के आदेश जारी किए हैं। बेअदबी की कुल तीन घटनाओं में से पावन स्वरूप चोरी होने के मामले में एसआइटी ने पहले ही डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को चार्जशीट किया हुआ है।

एसआइटी ने हाल ही में पावन स्वरूप चोरी करने और विवादित पोस्टर लगाने की घटनाओं में डेरे के छह अनुयायियों को गिरफ्तार किया था। इन सभी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इससे पूर्व जुलाई 2020 में भी डेरे के सात अनुयायियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ खत्म होने के कुछ दिन बाद ही एसआइटी ने इन अनुयायियों के अलावा डेरे की राष्ट्रीय कमेटी के तीन सदस्यों व डेरा मुखी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।

लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद इसी साल जनवरी में हाई कोर्ट ने बरगाड़ी बेअदबी मामलों की पड़ताल के अधिकार सीबीआइ से लेकर पंजाब पुलिस को वापस दे दिए थे। हाई कोर्ट की हिदायत के अनुसार पावन स्वरूप चोरी के मामले में अभी सप्लीमेंट्री चालान पेश किया जाना बाकी है। इसी के चलते एसआइटी ने अदालत में आवेदन कर पूछताछ करने के लिए डेरा मुखी के प्रोडक्शन वारंट की मांग की, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।

काबिलेगौर है कि बेअदबी का मामला पंजाब की राजनीति में बड़ा मुद्दा रहा है। इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश पर ही सरकार की ओर से नई एसआइटी का गठन किया था। दरअसल, इससे पहले कुंवर विजय प्रताप सिंह नेतृत्व में इस मामले की जांच करने वाली एसआइटी और उसकी रिपोर्ट को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह शुरू हो गई थी।


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