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Health Tips: पंजाब में 37 परसेंट महिलाएं मोटापे का शिकार, विशेषज्ञ डाक्टर ने बताई मुख्य वजह

पंजाब में 37 प्रतिशत महिलाएं मोटापे का शिकार हैं। मोटे लोगों के लिए कई तरह की बीमारियों का रिस्क रहता है जिसमें टाइप-2 डायबिटीक मेलिटस कार्डियोवैस्कुलर डिजीज हायपरटेंशन डिसलिपिडीमिया रेस्पिरेट्री डिसीसेज ओस्टियो आर्थारिटीज व मानसिक अवसाद जैसी बीमारियां शामिल हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 01:33 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 01:33 PM (IST)
Health Tips: पंजाब में 37 परसेंट महिलाएं मोटापे का शिकार, विशेषज्ञ डाक्टर ने बताई मुख्य वजह
पंजाब में लगभग एक तिहाई से अधिक आबादी मोटापे से ग्रस्त है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मोटापा को किसी भी तरह से हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह कहना है प्रसिद्ध बैरिएट्रिक एंड मेटोबोलिक सर्जरी स्पेशलिस्ट डा. गुरविंदर सिंह जम्मू का। चंडीगढ़ में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान डा. गुरविंदर सिंह जम्मू ने बताया कि मोटापा बहुत ही जटिल बीमारी है और यह व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक व समाजिक आर्थिक तौर तरीकों को प्रभावित करती हैं। मोटे लोगों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि उनकी घरेलू जिदंगी में भी उसका असर पड़ता है।

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मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज बीमारी लगातार बढ़ रही है। पूरी दुनिया में मोटापा सबसे ज्यादा होने वाली मेटाबोलिक बीमारी के रूप में उभर कर सामने आया है और इस बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में मॉर्बिड ओबेसिटी को 13 प्रकार के कैंसर रोग से भी जोड़ा गया है। हालांकि भारत ने ऐतिहासिक रूप से कुपोषण से लड़ाई लड़ी है, लेकिन पिछले दस वर्षों में देश में मोटे लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है। पंजाब में लगभग एक तिहाई से अधिक आबादी मोटापे से ग्रस्त है और यह अनुपात महिलाओं में अधिक है। पंजाब में 37 फीसद महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं। देश में लगभग 13.5 करोड़ से अधिक लोग मोटापे का शिकार हैं।

मोटे लोगों के लिए कई तरह की बीमारियों का रिस्क रहता है जिसमें टाइप-2 डायबिटीक मेलिटस, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, हायपरटेंशन, डिसलिपिडीमिया, रेस्पिरेट्री डिसीसेज, ओस्टियो आर्थारिटीज व मानसिक अवसाद जैसी बीमारियां शामिल हैं। कई तरह के शोधों से यह साबित होता है कि मोटापा व डायबिटीज में गहरा रिश्ता है। उन लोगों में डायबिटीज बीमारी का खतरा ज्यादा हो जाता है जिनका बीएमआई  25 से ज्यादा होता है। कई तरह के शोधों से यह जाहिर होता है कि मध्यम उम्र के उन भारतीय लोगों में जिनका बीएमआई 23 से ज्यादा है उनमें टाइप टू डायबिटीज का ज्यादा खतरा होता है।

डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू का कहना है कि पंजाब में मोटापा समस्या का प्रमुख कारण आरामदायक जीवन शैली व सामाजिक आदतें जिनमें लोग बगैर नियंत्रण के खाते हैं। लोगों में जंक फूड या फिर बूफे सिस्टम में ज्यादा खाने से यह समस्या होती है। यदि इस खाने के साथ शराब का सेवन भी किया जाता है तो यह बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए ऐसे लोगों को अपनी जीवन शैली व खानपान के तरीकों को बदलने के लिए हमेशा ही सतर्क रहना चाहिए। मोटापा बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। आज की जीवन शैली में बच्चे दिन भर मोबाइल या फिर लैपटाप पर ज्यादा समय व्यतीत करते हैं ऐसे में यह मोटापा को बढ़ाता है। इससे न सिर्फ मोटापा का रिस्क पैदा होता है बल्कि विटामिन डी की भी कमी होती है। जो कि मोटापा या फिर डायबिटीज दोनों में ही रिस्क फैक्टर हैं।

टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के बारे में बातचीत करते हुए डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू ने बताया गत समय दौरान जारी अंतर्राष्ट्रीय हिदायतों के अनुसार भी मेटाबोलिक सर्जरी को टाइप २ डायबिटीज के मरीजो के लिए पहला इलाज बताया गया है। डायबिटीज और मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो मेटाबोलिक सर्जरी के जरिये ठीक किया जा सकता है। सरकार भी इसको रोकने में मदद कर रही है। इसे रोकने के लिए फिट इंडिया मूवमेंट, नेशनल मानीटरिंग फ्रेमवर्क, आयुष्मान भारत आदि कार्यक्रमों को शुरू किया गया है।

डॉ. गुरविंदर सिंह जम्मू ने कहा कि मोटापा बीमारी के इलाज में इंश्योरेंस कवरेज एक अहम कड़ी है। डॉ. गुरविंदर सिंह जम्मू का कहना है कि उनका अनुभव रहा है कि वित्तीय समस्या के कारण ज्यादातर मरीज मोटापे का इलाज करने से परहेज करते हैं। लेकिन यह समझना चाहिए मोटापा एक गंभीर मेडिकल कंडीशन हैं। इसका इलाज इंश्योरेंस के जरिये करने से निश्चित रूप से ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा होगा और वे इलाज के लिए सामने आएंगे।


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