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महिलाओं को बराबरी का दर्जा आज भी कागजों तक सीमित : जया प्रदा Chandigarh News

एक्ट्रेस जया प्रदा शनिवार को शहर में थीं। इस दौरान उन्होंने फिल्म और राजनीतिक करियर पर बात की।

By Edited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 09:00 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 03:17 PM (IST)
महिलाओं को बराबरी का दर्जा आज भी कागजों तक सीमित : जया प्रदा Chandigarh News
महिलाओं को बराबरी का दर्जा आज भी कागजों तक सीमित : जया प्रदा Chandigarh News

चंडीगढ़, [शंकर सिंह]। फिल्म से राजनीति में आना, मेरे लिए एक बड़ा बदलाव था। इस क्षेत्र में महिलाओं का बराबरी पाना मुझे आज भी मुश्किल लग रहा है। हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान एक सांसद ने मुझे बहुत बुरा-भला कहा था। मैं इस सदमे से काफी परेशानी रही। मैं दरअसल राजनीति में आने के कुछ दिनों तक बहुत हैरान थी। मगर राजनीति में आए बिना आप इसे बदल नहीं सकते। ऐसे में आज भी इसी कोशिश में हूं कि राजनीति में और हर क्षेत्र में महिलाओं को बराबर इज्जत मिले। एक्ट्रेस जया प्रदा ने कुछ इन्हीं शब्दों में राजनीति से जुड़े करियर पर बात की। शनिवार को वह एक पंजाबी फिल्म की प्रमोशन के लिए बाल भवन-23 में पहुंचीं।

नारी को रिजर्वेशन नहीं इज्जत दो
जया ने कहा कि इन दिनों समाज में महिलाओं को बराबरी के बारे में जागरूक किया जाता है। मगर ये बात केवल कागजों तक सीमित लगती है। ऐसे में मुझे लगता है कि महिलाओं को सच में इज्जत देने का वक्त आ गया है। राजनीति में सासंद आजम खान जैसे लोग हैं जो महिलाओं के लिए कुछ भी बोलते हैं। इसके अलावा भरी संसद में भी कई नेता ऐसे हैं जो इंडस्ट्री के लोगों को तवायफ कह देते हैं। मुझे शर्म आती है ऐसे लोगों पर। ये लोग राजनीति का हिस्सा हैं जो देश चला रहे हैं। इन्हें बोलना चाहिए कि आपके महिलाओं को रिजर्वेशन देने से कुछ नहीं होगा बल्कि उनकी पहले इज्जत करना होगा। वो अपने लिए जमीन खुद तलाश लेंगी।

पंजाब को आतंकमुक्त करार देने के बाद दी थी प्रस्तुति
जया ने कहा कि पंजाब से उनका एक अलग रिश्ता रहा है। वह यहां समय-समय पर आती रही हैं। पंजाब में 84 के दौर के बाद मुझे भी काफी आघात पहुंचा था। मुझे सरकार ने पंजाब को आतंकमुक्त घोषित करने के बाद परफॉर्मेस के लिए बुलाया था। तो मैं यहां आई थी। मुझे खुशी है कि ये प्रांत अब तरक्की कर रहा है। यहां की इंडस्ट्री और आर्टिस्ट दोनों ही अब मुंबई तक पहुंच रख रहे हैं।

आखिर फिल्म इंडस्ट्री धर्म के बीच कहां आ सकती है

हाल ही में जायरा वसीम ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी। उन्होंने कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री उनके धर्म के बीच आ रही है? पर जया ने कहा कि मैं ऐसा नहीं मानती। मैंने कितने ही कलाकार देखे हैं जो मुस्लिम हैं और इंडस्ट्री में उन्होंने रूतबा पाया है। वहिदा रहमान से लेकर कितने ही कलाकार हैं, उन्होंने तो कभी ऐसा कुछ नहीं कहा। मेरे ख्याल से वो जायरा के अपने विचार हैं। उन्हें उनके विचारों पर छोड़ देना चाहिए। मगर इंडस्ट्री सभी के लिए है, ऐसे में धर्म से जोड़कर ऐसे विचार नहीं रखने चाहिए।

अब वक्त मिला है तो फिल्म इंडस्ट्री में आउंगी
जया ने कहा कि वह इन दिनों वेब सीरिज में व्यस्त हैं। बोली कि ये मीडियम अच्छा है। यहां छूट है। राजनीति में काफी व्यस्त रही, मगर अब फिल्म वापसी कर रही हूं। मैं चाहती हूं कि मुझे किरदार मिले जिसमें आज की बात हो। आज के लोगों से जुड़ी। मुझे खुशी है कि अमिताभ बच्चन नए किरदार करते हैं। मुझे मेरे ऐसे को-एक्टर काफी प्रेरित करते हैं।
 

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