गपशप... फिर सक्रिय हुए हरमोहन धवन, भाजपाइयों ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ लगाए नारे, पढ़ें चंडीगढ़ की राजनीति की रोचक खबरें
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव नजदीक आते ही आप नेता हरमोहन धवन सक्रिय हो गए हैं। हालांकि उन्होंने लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला ले लिया है। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगा दिए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नगर निगम चुनाव नजदीक पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। अब उनका सिर्फ एक ही सपना है कि उनके करीबी जो कई सालों से उनके साथ जुड़े हुए हैं वह नगर निगम के पार्षद बन जाए। वह यह स्पष्ट कर चुके हैं कि अब वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसे में वह अपने चंडीगढ़ विकास मंच से दिसंबर माह में होने वाले नगर निगम चुनाव से उम्मीदवार खड़े करने की रणनीति बना रहे हैं। जबकि उन्हाेंने अभी आम आदमी पार्टी को नहीं छोड़ा है लेकिन वह आप के किसी गतिविधि में शामिल नहीं होते हैं और न ही चुनाव में आप के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे।
आप के कई नेता चाहते हैं कि धवन को पार्टी के लिए काम करना चाहिए, लेकिन धवन इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में धवन के दिमाग में क्या चल रहा है यह तो वह ही जाने। सूत्रों का कहना है कि उनकी नगर निगम चुनाव को लेकर कांग्रेस के नेताओं से भी बात चल रही है। कांग्रेस के कई नेता भी चाहते हैं कि धवन उनकी पार्टी में आ जाए। गपशप करते हुए कई नेता कहते हैं कि धवन अगर कांग्रेस में आए तो वह 14वीं बार किसी दल में आएंगे।
बीजेपी या डीजीपी
सेक्टर-48 की मोटर मार्केट में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन और मेयर रविकांत शर्मा पर हुए हमले के विरोध में भाजपाइयों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता इस तरह से लहर में बह गए कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ हाय हाय और मुर्दाबाद कह दिया। एक नेता ने नारेबाजी करने के लिए जब बोला भाजपा... तो आगे से कार्यकर्ताओं ने बोल दिया मुर्दाबाद। यह एक बार नहीं बल्कि दो से तीन बार हुआ। जिसे भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन ने भी रोका। इसका एक वीडियो भी बना जिसे कांग्रेस के नेताओं ने खूब वायरल किया। लेकिन जब भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के पास एक मीडिया कर्मी ने वीडियो भेजा तो उन्होंने जवाब दिया कि वह बीजेपी नहीं बल्कि डीजीपी मुर्दाबाद कह रहे थे। क्योंकि प्रदर्शन पुलिस के खिलाफ था। जबकि टंडन और मेयर रविकांत शर्मा पर हुए हमले से इस समय नेता पुलिस के आला अधिकारियों से नाराज हैं। क्योंकि उन्होंने कार्यक्रम में जाने से पहले आला अधिकारियों को बता दिया। बावजूद सेक्टर-48 में भाजपा नेताओं पर पुलिस की मौजूदगी में हमला हो गया।
इसे कहते हैं दोस्ती
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन हाल ही में चंडीगढ़ सीआइए के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए। इस दौरान हुसैन ने अपने सभी शहर में रहने दोस्तों और पुराने साथियों को फाेन किया और भाजपा कार्यालय में मिलने के लिए बुलाया। यह सभी साथी वह थे जो शाहनवाज हुसैन के साथ युवा मोर्चा में रहते हुए काम कर चुके थे। ऐसे में उनको मिलने के लिए व्यापार मंडल के महासचिव संजीव चड्ढा, शक्तिदेव शाली, चंद्रशेखर के अलावा रंजना शाही भी पहुंची। रंजना शाही हालांकि उस समय पहुंची जब शाहनवाज हुसैन सीआइए के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए निकल गए। देरी से आने के बावजूद रंजना शाही ने शाहनवाज को फोन किया तो उन्होंने कहा कि वह शाम को मिलकर जाएंगे। ऐसे में उनसे मिलकर पुराने साथी गदगद हो गए। उनका मानना है कि दोस्ती इसे कहते हैं कि जो कि अपने पुराने साथियों को न भूले। जबकि भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का कहना है कि सिर्फ उनके दल में ही ऐसा है।
अपनों पर कैसी कार्रवाई
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी के कार्यक्रम में सुरक्षा मुहैया करवाने में चंडीगढ़ पुलिस एक दिन पहले ही जुट गई। कार्यक्रम के दौरान शहर में लगे जाम को निपटने में पुलिस चौकस रही। पुलिस के आला अधिकारी भी खुद कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे। लेकिन कोरोना गाइडलाइंस तोड़ने का मामला खानापूर्ति करते हुए देर रात दर्ज किया गया। जबकि प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को इस कार्यक्रम और यहां पर जुटने वाली भीड़ की पहले से जानकारी थी, लेकिन उन्होंने ने भी पंजाब सरकार के मंत्रियों की नाराजगी मोल न लेनी चाही। यहां तक कि कार्यक्रम के आयोजन से पहले कोई भाजपा का नेता भी नहीं बोला। असल में पंजाब सरकार के बहुत से अधिकारी है जो कि चंडीगढ़ में डेपूटेशन पर काम कर रहे हैं। ऐसे में वही अधिकारी किस तरह से अपनी ही सरकार के नेताओं पर कार्रवाई करें इसलिए वह शुरू से ही बचते रहे। इसलिए सड़कों पर पोस्टर और बैनर लगे तो अधिकारियों ने आंखें मूंद ली। देर रात पुलिस ने अज्ञात पर मामला दर्ज किया। गपशप करते हुए शहरवासी बोल रहे हैं कि कितनी हैरानी की बात है कि पुलिस और प्रशासन पहले खुद कार्यक्रम करने देता है और उसके बाद सिर्फ आरोपों से बचने के लिए अज्ञात पर मामला दर्ज कर रहे हैं।