Punjab Budget 2022: विशेषक्ष की राय - पंजाब में भ्रष्टाचार पर रोक व सिस्टम में सुधार के बिना नहीं बनेगी बात
Punjab Budget 2022-23 पंजाब विधानसभा में सोमवार को पेश किए गए बजट की विशेषज्ञों ने सराहना की है। सीएमए के पूर्व चेयरमैन अनिल शर्मा ने सराहना की लेकिन कहा कि भ्रष्टाचार पर रोक और सिस्टम में सुधार किए बिना बात नहीं बनेगी और पंजाब का सकल विकास नहीं होगा।
चंडीगढ़, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। Punjab Budget 2022: पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा द्वारा विधानसभा में पेश 2022 के बजट का आर्थिक विशेषज्ञों ने सराहना की है, लेकिन सवाल भी उठाए हैं। सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट (सीएमए) के पूर्व चेयरमैन अनिल शर्मा ने कहा कि सिस्टम में सुधार व भ्रष्टाचार पर रोक लगाए बिना बात नहीं बनेगी और जीडीपी में सुधार नहीं होगा।
सीएमए के पूर्व चैयररमैन ने कहा- वित्तमंत्री ने सीमित संसाधनों में व्यापक बजट पेश किया
उन्होंंने कहा कि वित्तमंत्री चीमा ने सीमित संसाधनों के बीच अपना व्यापक बजट पेश किया है। जिस तरह से वित्त मंत्री ने आय के नए संसाधनों को दर्शाया है, यदि वह उसमें सफल होते हैं तो पंजाब की आप सरकार की गौरवपूर्ण उपलब्धि होगी। सीमित संसाधनों में इससे बेहतर बजट नहीं हो सकता।
अनिल शर्मा ने दैनिक जागरण से बातचीत में पंजाब और हरियाणा का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए कहा कि दोनों राज्यों की जनसंख्या लगभग तीन-तीन करोड़ है, लेकिन पंजाब का जीएसटी हरियाणा से एक चौथाई ही है। अर्थव्यवस्था की बात करें तो जहां पंजाब का जीडीपी छह लाख करोड़ है तो हरियाणा का आठ लाख करोड़ है। इतने बड़े गैप को सरकार कैसे ठीक करेगी, यह वित्त मंत्री की योग्यता पर निर्भर करेगा। सिस्टम में सुधार और भ्रष्टाचार पर रोक से ही यह संभव हो पाएगा।
शर्मा ने राजस्व की बात करते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने जीएसटी में 27 प्रतिशत की वृद्धि की बात कही है। शराब पालिसी को दिल्ली की तर्ज पर बदल 56 प्रतिशत राजस्व बढ़ाने की योजना बनाई है। वर्तमान में शराब से 6000 करोड़ का राजस्व होता है, जबकि नई पालिसी में 9600 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है।
शर्मा ने कहा कि राजस्व कलेक्शन बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री चीमा को भ्रष्टाचार मुक्त कलेक्शन सिस्टम लाना होगा। शर्मा ने उदाहरण देते हुए कहा कि हरियाणा के मुकाबले पंजाब में ज्यादा शराब बिकती है, लेकिन हरियाणा का राजस्व 8000 करोड़ है, जबकि पंजाब के 6000 करोड़ है। वित्त मंत्री ने शराब और जीएसटी के राजस्व के अलावा अन्य करों में 11 प्रतिशत इजाफा करने की बात कही है।
सीएमए के अनुसार वित्त मंत्री ने कुछ खर्चों में कटौती भी की है। बजट में एक विधायक, एक पेंशन लागू कर दी। इसके अलावा विधायकों का आयकर सरकार नहीं देगी। इससे 19.53 करोड़ रुपये की सरकार को बचत होगी। जहां तक खर्चे की बात है, वेतन, पेंशन और ब्याज पर एक लाख 56 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं। इसके लिए प्रत्येक वर्ष 60 हजार करोड़ लोन लेना पड़ेगा। 3.13 लाख करोड़ का लोन बनता है, जो राज्य के जीडीपी का 45 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जीएसटी चोरी रोकने के लिए इंटेलिजेंस यूनिट बनाने का फैसला किया है, जो सराहनीय कदम है। हालांकि सरकार रेत माफियाओं से कैसे निपटेगी, इस पर कोई स्पष्ट नीति नहीं आई। रेत के राजस्व चोरी पर काफी कुछ निर्भर हो सकता है।
उन्होंने कहा कि एनआरआइ ट्रस्ट बनाने का कदम भी अच्छा है। इससे विदेशों में बैठे पंजाबी राज्य के विकास के लिए योगदान कर सकेंगे, जो राज्य के लिए मददगार होगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष के तीन माह बीत चुके हैं और नौ माह में सभी कदम सफलतापूर्वक लागू करने चुनौती भरे होंगे।