Move to Jagran APP

ग्रांट मिली 375 करोड़ लेकिन एमसी पास करेगा 1257 करोड़ का बजट

नए वित्तीय सत्र के लिए नगर निगम ने 1257 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। लेकिन यह बजट हवा में पास होगा। सिर्फ दिखावे के लिए बजट में 1257 करोड़ रुपये की राशि दिखाई जा रही है।

By Edited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 07:29 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 11:52 AM (IST)
ग्रांट मिली 375 करोड़ लेकिन एमसी पास करेगा 1257 करोड़ का बजट
चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]  : नए वित्तीय सत्र के लिए नगर निगम ने 1257 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। लेकिन यह बजट हवा में पास होगा। सिर्फ दिखावे के लिए बजट में 1257 करोड़ रुपये की राशि दिखाई जा रही है। जबकि निगम के पास इतना फंड नहीं है। प्रशासन नगर निगम की 375 करोड़ रुपये की ग्रांट इन एड तय कर चुका है और नगर निगम की वार्षिक कमाई 250 करोड़ रुपये है। बजट पास करने के लिए मेयर राजेश कालिया ने 8 फरवरी को वित्त एवं अनुबंध कमेटी की बैठक बुला ली है। अनुबंध कमेटी के बाद 14 फरवरी को बजट पास किया जाएगा। कहां से आएगी 425 करोड़ की कमाई ऐसे में बाकी 425 करोड़ रुपये की कमाई कहां से आएगी, इसका जवाब न तो बजट में शामिल है और न ही किसी अधिकारी और पार्षद के पास है। प्रशासन ने भी नगर निगम को जो 375 करोड़ रुपये की ग्रांट दी है, उसमें नगर निगम कोई नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं कर सकता, लेकिन इसके बावजूद ड्राफ्ट बजट में दो अंडरपास का निर्माण करने के प्रोजेक्ट शामिल किए जा रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि इतना बजट नगर निगम के पास नहीं है। लेकिन दिखावे के लिए नगर निगम 8 फरवरी को होने वाली अनुबंध कमेटी की बैठक में इसे पास करेगा। ड्राफ्ट बजट की प्रतियां मंगलवार को अनुबंध कमेटी के सदस्यों को मिलेंगी। निगम का खजाना है खाली, एफडी हो चुकी खत्म इस समय नगर निगम का खजाना पूरी तरह से खाली है। निगम की बैंक में जमा सारी एफडी भी खत्म हो चुकी है। नगर निगम के पास सिर्फ मार्च माह का वेतन देने की राशि है। ऐसे में आगे का काम प्रशासन द्वारा जो ग्रांट की किस्त आएगी, उससे चलेगा। 375 करोड़ की ग्रांट पूरे साल में चार किस्तों में नगर निगम के पास आएगी। जबकि अब नगर निगम पर प्रशासन द्वारा शामिल किए गए 13 नए गांवों की भी जिम्मेदारी भी आ गई है। समझ नहीं आ रहा अब बजट पारित करने का क्या फायदा कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि केंद्र सरकार नगर निगम का बजट तय कर चुकी है। लेकिन यह समझ नहीं आ रहा कि अब बजट पास करने का क्या फायदा। कांग्रेस कार्यकाल में केंद्र में बजट पास होने से पहले नगर निगम अपना बजट पास करता था। ताकि पास करके प्रशासन के पास भेज दे। ऐसे में जो बजट पास अब होगा, वह सिर्फ एक दिखावा होगा। वही काम बजट में शामिल किए जाएं, जो निगम पूरा करवा सकता है। उतनी ही राशि का बजट पास होना चाहिए, जितनी नगर निगम के पास असल में है। जो-जो दावे करेंगे, उन्हें पूरा करवाएंगे मेयर राजेश कालिया का कहना है कि बजट तैयार किया जा रहा है। 8 फरवरी को अनुबंध कमेटी के बाद 14 फरवरी को वित्त एवं अनुबंध कमेटी में बजट पास किया जाएगा। छह माह बाद केंद्र सरकार को बजट रीवाइज एस्टीमेट भेजा जाता है। नगर निगम उस समय भी केंद्र सरकार से ग्रांट लेने का प्रयास करेगा। 54 करोड़ खर्चा दक्षिणी सेक्टरो की सफाई पर नगर निगम को सबसे ज्यादा खर्चा दक्षिणी सेक्टरों की सफाई पर आता है। जिसका नगर निगम हर साल 54 करोड़ रुपये का भुगतान लायंस कंपनी को करता है। इतना ही खर्चा उत्तरी सेक्टरों में होता है। उत्तरी सेक्टरो में भी टीडीएस कंपनी और नगर निगम के अपने स्थायी कर्मचारी सफाई करते हैं, जिन पर नगर निगम का हर साल वेतन पर करोड़ों रुपये का खर्चा करता है। पानी की सप्लाई से 70 करोड़ का घाटा नगर निगम को पानी की सप्लाई करने के बाद 70 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है। नगर निगम के अधिकारी कई बार पानी के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव सदन में ला चुके हैं, लेकिन हर बार यह कहते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया जाता है कि जब तक शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो जाती, तब तक रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.