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चंडीगढ़ में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर प्राइवेट ट्रांसपोर्टर का कब्जा, यहीं खोल दी वर्कशॉप

चंडीगढ़ और पंचकूला के बॉर्डर पर मनीमाजरा की एनएसी मार्केट के आखिरी बूथ और शोरूम के पीछे करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन काफी समय से खाली पड़ी थी। जिस पर गोल्डन और न्यू गोल्डन ट्रैवल्स के मालिक ने अवैध कब्जा कर वहां वाहनों को खड़ा किया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 02:13 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 02:13 PM (IST)
प्राइवेट ट्रांसपोर्टर ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर वहां वर्कशाप भी बना दी है।

जागरण संवाददाता, मनीमाजरा। सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ नगर निगम की तरफ से रोजाना अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए जाते हैं। वहीं, शहर में ऐसी जगह भी है जिस पर लंबे समय से अवैध कब्जा किया गया है लेकिन निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। यह जमीन चंडीगढ़ और हरियाणा की सीमा पर पड़ती है। इस सरकारी जमीन पर लंबे समय एक प्राइवेट ट्रांसपोर्टर ने कब्जा रखा है। ट्रांसपोर्टर ने जमीन पर अपनी बसों और ट्रकों को खड़ा कर कब्जा किया हुआ है। वहीं ट्रांसपोर्टर इस जगह पर कबाड़ फैला रखा है और अपनी बसों और ट्रकों की मरम्मत के लिए वर्कशॉप भी बना दी है।

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चंडीगढ़ और पंचकूला के बॉर्डर पर मनीमाजरा की एनएसी मार्केट के आखिरी बूथ और शोरूम के पीछे करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन काफी समय से खाली पड़ी थी। जिस पर गोल्डन और न्यू गोल्डन ट्रैवल्स के मालिक ने अवैध रूप से कब्जा कर उस जमीन पर अपने वाहनों को खड़ा किया है। सीमावर्ती जगह होने के कारण कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देता। इसके चलते करोड़ों रुपये  की सरकारी जमीन  पर इस ट्रैवल्स कंपनी के  मालिक ने पिछली सालों से कब्जा कर रखा है।

वर्कशॉप के साथ साथ बनाया जंकयार्ड

सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले इस ट्रैवल्स कंपनी के न केवल अवैध तौर पर अपनी बसें और ट्रक खड़े किए बल्कि इस जगह पर इन लोगों ने बसों की मरम्मत के लिए वर्कशॉप और और जंकयार्ड  तक बना दिया है।  करोड़ों की इस जमीन पर कब्जा करने वालों ने अपना कारोबार फैला रखा है। आलम यह है कि इन कब्जा करने वालों को सरकारी अधिकारियों का भय तक नहीं है।

पहले बना दिया था अवैध अहाता

यही नहीं इससे पहले भी इस जगह पर कब्जा करने वालों ने दो साल पहले इस जगह पर शराब का ठेका के साथ अवैध अहाता बनाया था। जिसके बारे में दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद नगर निगम ने इस अवैध अहाते को तोड़ दिया था।


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