हरिके वेटलैंड के संरक्षित क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के मामले में सरकार ने दी स्टेटस रिपोर्ट, पढ़ें क्या कहा
पंजाब सरकार ने फिरोजपुर व तरनतारन में फैले हरिके वेटलैंड में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। इस मामले में सरकार ने हाई कोर्ट में जानकारी दी है। बताया गया कि दोषी राजस्व अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा रही है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद आखिरकार पंजाब सरकार ने फिरोजपुर और तरनतारन के सैकड़ों एकड़ में फैले हरिके वेटलैंड के संरक्षित क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने शुरू कर दिए हैं और इसकी हाई कोर्ट को अब जानकारी दी गई है। इसके साथ ही हाई कोर्ट को बताया गया कि इसमें दोषी राजस्व अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा रही है।
चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने सरकार के इस जवाब पर संतुष्टि जताते है सरकार को कार्रवाई किए जाने के लिए चार हफ्तों का और समय देते हुए फिरोजपुर के डीसी और एसएसपी को दो नवंबर को मामले की अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट दायर किए जाने के आदेश दे दिए हैं ।
फिरोजपुर के डीसी और एसएसपी से मांगा था जवाब
बता दें, हरिके वेटलैंड में चल रहे निर्माण कार्यों पर हाईकोर्ट के मार्च 2016 में यथास्थिति के आदेशों के बावजूद इस पर रोक नहीं लगाए जाने पर हाई कोर्ट ने फिरोजपुर के डीसी और एसएसपी से जवाब तलब किया था और कहा था कि जब हाई कोर्ट छह साल पहले यहां निर्माण कार्यों पर रोक लगा चुका है तो कैसे यह अब भी जारी है। हाई कोर्ट ने इस पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके बाद अब सरकार ने कार्रवाई शुरू कर हाई कोर्ट को जानकारी दे दी है।
कब्जों का था आरोप
फिरोजपुर निवासी जसकिरणजीत सिंह द्वारा इस मामले को लेकर 2016 में दायर कर आरोप लगाया गया था कि फिरोजपुर, तरनतारन और कपूरथला जिले में फैसले सैकड़ों एकड़ वेटलैंड जमीन पर बड़े स्तर पर अवैध कब्जे हो रहे हैं।
ट्रांसफार्मर भी लगा दिया गया
हाई कोर्ट को बताया गया था कि फिरोजपुर जिले में इस वेट लेंड सेंचुरी की कानून के अनुसार कोई सेल डीड नही को सकती। बावजूद इसके वर्ष 2007 और 2008 के बीच इस जमीन के कुछ हिस्से की सेल डीड कर दी गई और अगस्त 2015 तक इस सेंचुरी में लगभग 90 से ज्यादा निर्माण कार्य शुरू हो चुके थे, जिसमें एक गुरुद्वारा भी शामिल था। इस जमीन पर बिजली विभाग ने एक ट्रांसफार्मर भी लगा दिया है जिस कारण यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए खतरा बन गया है।
21 मार्च 2016 को दिए थे यथास्थिति के आदेश
इस याचिका पर हाई कोर्ट ने 21 मार्च 2016 को सुनवाई करते हुए यहां यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे, इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी यहां अतिक्रमण जारी है। जिस पर हाईकोर्ट ने फिरोजपुर के डीसी और एसएसपी से जवाब तलब किया था।