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पंजाब में कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, 20 फीसद तनख्वाह बढ़ने की उम्मीद, खजाने पर 3500 करोड़ का बोझ

Sixth Pay Commission in Punjab पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को छठे पे कमीशन के अनुसार जल्द वेतन मिलेगा। आयोग ने सिफारिशों राज्य सरकार को सौंप दी थी जिसे वित्त विभाग को भेज दिया गया है। जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में इन सिफारिशों पर विचार किया जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 02:26 PM (IST)
पंजाब में कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, 20 फीसद तनख्वाह बढ़ने की उम्मीद, खजाने पर 3500 करोड़ का बोझ
पंजाब में सरकारी कर्मचारियों को जल्द मिलेगा तोहफा। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। Sixth Pay Commission in Punjab: कोविड के दौर में जब हर तरफ निराशा का आलम है, वहीं पंजाब सरकार के कर्मचारियों की तो चुनावी साल में पौ बारह हो गई है। पांच साल पहले गठित किए गए छठे वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। इसमें सभी कर्मचारियों की औसतन 20 फीसद तनख्वाह बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि उनका न्यूनतम वेतन अब 2.59 गुणा बढ़ाने की सिफारिश की है। यानी कि अभी तक जो न्यूनतम वेतन 6950 रुपये था अब बढ़कर 18 हजार रुपये हो जाएगा।

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यह रिपोर्ट एक जनवरी 2016 से लागू होगी। आयोग ने यह वृद्धि उस समय की है जब पंजाब की आर्थिकता कोरोना के कारण बुरी तरह से पटरी से उतरी हुई है और राज्य पहले ही 2.73 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के भार से दबा हुआ है। छठे वेतन आयोग की हालिया वृद्धि के कारण भी सरकारी खजाने पर सालाना 3500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। आयोग ने सभी वर्गों को दिए जा रहे वेतन में वृद्धि का सुझाव दिया है। साथ ही सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य भत्तों में उचित वृद्धि की गई है। सभी भत्तों में डेढ़ से दोगुणा बढ़ाया गया है।

रिपोर्ट मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग को विस्तृत चर्चा के लिए भेज दी है, ताकि इसे आगे की कार्यवाही के लिए कैबिनेट में रखा जा सके। विधानसभा में सरकार ने रिपोर्ट को इस साल एक जुलाई से लागू करने का ऐलान किया था। यह रिपोर्ट आयोग ने सरकार को उस समय सौंपी है जब कोरोना के कारण राज्य की आर्थिकता पहले ही दबाव में है और संभावना के मुताबिक कर और जीएसटी उस अनुपात में नहीं बढ़ रहे हैं। वित्त विभाग कैबिनेट में इस रिपोर्ट को रखने से पहले इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगा।

ये की हैं सिफारिशें छठे वेतन आयोग ने

पेंशन और डीए में भी वृद्धि की सिफारिश की है, जबकि फिक्सड मेडिकल भत्ते व ग्रेजुएटी को दोगुणा करने का सुझाव दिया है। यदि सिफारिशें मान ली जाती हैं तो कर्मचारियों व पेंशन धारकों को अब एक हजार रुपये फिक्सड मेडिकल भत्ता मिलेगा। निधन होने या रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली ग्रेजुएटी को दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख करने की भी सिफारिश की गई है।

सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी पर मौत होने पर मिलने वाली एक्सग्रेशिया ग्रांट को भी बढ़ाने की सिफारिश की गई है, यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मौजूदा कोरोना महामारी में अपनी ड्यूटी करते हुए कई सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की जान चली गई है। कमीशन ने इंजीनियरिंग स्टाफ को मिलने वाले डिजाइन भत्ते और पुलिस कर्मियों को मिलने वाले किट मेंटिनेंस भत्ते को दोगुणा करने और मोबाइल भत्ते को 375 से बढ़ाकर 750 रुपये करने की भी सिफारिश की है।

आयोग ने इन सिफारिशों को एक जुलाई से लागू करने को कहा है। आयोग की इन सिफारिशों के चलते खजाने पर 3500 करोड़ रुपये सालाना का बोझ पड़ेगा। आयोग ने केंद्रीय वेतनमान व महंगाई भत्ते की मौजूदा प्रणाली जारी रखने, महंगाई भत्ते को 50 फीसदी पहुंचने पर बेसिक पे में मर्ज करने और इसका लाभ कर्मचारियों के अलावा सेवानिवृत कर्मचारियों को देने की सिफारिश की है।

नौकरी के 25 साल पूरे होने पर अंतिम वेतन का 50 फीसद पेंशन रखने का सुझाव दिया गया है। वेतनमान को सरल करने के इरादे से आयोग ने 65 साल के बाद हर पांच वर्ष पूरे होने पर बुढ़ापा भत्ता बढ़ाने की सिफारिश की है। सेवानिवृति के बाद संशोधित पेंशन का 40 फीसद कम्युट करवाने को दुबारा बहाल कर दिया है। हाउस रेंट को पुराने पैटर्न पर ही रखे जाने की सिफारिश की है लेकिन कर्मचारियों को नौकरी के दौरान उच्च शिक्षा लेने पर उच्च शिक्षा भत्ता देने की सिफारिश की है।

आयोग इसे नया भत्ता बता रहा है। आयोग ने विभिन्न कर्मचारियों को मिल रहे विशेष भत्तों को बंद करने की सिफारिश की है। काबिले गौर है कि पूर्व अकाली भाजपा सरकार ने छठे वेतन आयोग का गठन किया था, लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता में आते ही पूर्व मुख्य सचिव जय सिंह गिल को इसका चेयरमैन लगा दिया। उनके साथ पूर्व आइएएस अफसर डीएस कल्हा और एसएस राजपूत को सदस्य के रूप में लगाया था।


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