राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान पंजाब में सड़कों पर उतरे कर्मचारी, लुधियाना में रोके रखी ट्रेन
ट्रेड यूनियनों पर बुलाई गई कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का पंजाब में व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। ट्रेड यूनियनों पर बुलाई गई कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का पंजाब में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। हालांकि इसके कारण आपात सेवाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है, लेकिन कर्मचारी सड़कों पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। कई जगह कर्मचारियों ने सड़क मार्ग अवरुद्ध किया। लुधियाना में ग्यासपुरा के नजदीक मुंबई जा रही पश्चिम एक्सप्रेस को कुछ देर के लिए रोक दिया। इसके बाद पुलिस ने कर्मचारियों के रेल ट्रेक से हटाया। कर्मचारियों के धरने के कारण ट्रेन बीस मिनट लेट हुई। वहीं, बस स्टैंड पर भी कर्मचारियों ने जाम लगाया।
हड़ताल के कारण महानगर लुधियाना में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। शहर के भारत नगर चौक पर ट्रेड यूनियनों द्वारा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन प्रदर्शन में मुलाजिमों के साथ-साथ विभिन्न संगठनों के नेताओं ने सभा को संबोधित किया। श्रमिक संगठनों ने पश्चिम एक्सप्रेस को कुछ देर तक रोके रखा। बस स्टैंड पर प्रदर्शनकारियों ने धरना दिया।
होशियारपुर में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के कारण भटकते यात्री।
वहीं, जालंधर में ट्रेड यूनियन के सदस्यों और पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया। प्वाइंट में यूनियन के सदस्यों ने सड़क को बंद कर दिया है और सड़क पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस दौरान कर्मचारियों ने वाहनों की आवाजाही भी ठप रखी। इससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बता देें, केंद्र सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
होशियारपुर में कर्मचारियों ने बस स्टैंड के समक्ष प्रदर्शन किया। इसके कारण यात्रियों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों को सिर पर बैग उठाकर पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। वहीं, नंगल में भारत संचार निगम लिमिटेड के कर्मचारियों ने कामकाज ठप रखा। रूपनगर में भी कर्मचारियों ने रोष मार्च निकाला। श्री मुक्तसर साहिब में ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने मलोट रोड पर धरना देकर यातायात ठप किया।
श्री मुक्तसर साहिब में सड़क मार्ग ठप करते कर्मचारी।
बिजली बिल में संशाेधन के लिए शुरू की हड़ताल
बिजली बिल 2018 में संशोधन लागू किए जाने के खिलाफ पावरकॉम का टेक्निकल स्टाफ भी हड़ताल पर रहा। हड़ताल से सिर्फ काउंसिल अॉफ इंजीनियर अलग हैं, लेकिन जूनियर इंजीनियर विरोध प्रदर्शन के माध्यम से हड़ताली टेक्निकल स्टाफ का समर्थन कर रहे हैं। हड़ताल पर गए टेक्निकल स्टाफ का कहना है बिजली बिल 2018 के माध्यम सरकार पावर कॉम को निजी हाथों में सौंपने जा रही है। सरकार के इस प्रयास से तमाम लोग बेरोजगार होंगे।
उनका कहना है कि बिजली सप्लाई निजी हाथों में जाने से उपभोक्ताओं को महंगी दर पर बिजली खरीदनी पड़ेगी। उधर चीफ इंजीनियर किरण प्रकाश सिंह का कहना है हड़ताल को देखते हुए पूरी डिवीजन के सभी चार जोन में पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं, ताकि बिजली सप्लाई को लेकर आम उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
रूपनगर में प्रदर्शन करते बीएसएनएल कर्मचारी।
ये हैं कर्मचारियों की मांगें
- बढ़ रही महंगाई पर अंकुश लगाया जाए।
- वर्करों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि की जाए।
- कम से कम वेतन 18000 रुपये प्रतिमाह घोषित किया जाए।
- हर एक जरूरतमंद के लिए 6000 रुपये प्रति माह पेंशन तय हो।
- सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
- टैक्सटाइल व पावरलूम वर्करों के वेतनों व रेटों में 20 फीसद वृद्धि की जाए।
- घरेलू मजदूरों की रजिस्ट्रेशन पहल के आधार पर की जाए।
- जायदाद टैक्स का एक प्रतिशत हिस्सा घरेलू मजदूरों की भलाई पर खर्च हो।
- बैंक, बीमा, ट्रांसपोर्ट, बिजली, शिक्षा, सेहत व सुरक्षा क्षेत्रों में राज्य व केंद्र सरकारें रेगुलर भर्ती करें।
- सरकारी विभागों में ठेका प्रणाली खत्म की जाए।
- ठेका प्रणाली के तहत नियुक्त कर्मचारी पक्के किए जाएं।
- आंगनबाड़ी, आशा वर्करों, मिड-डे मील वर्करों व ग्रामीण चौकीदारों व स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा प्रदान किया जाए।
- मनरेगा मजदूरों को 200 दिन वर्ष में काम और दिहाड़ी 650 रुपये दी जाए।
- श्रम कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए।