खुशखबरी..नई स्पोर्ट्स पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार, नए साल से मिलेंगी नौकरियां और कैश अवॉर्ड
शहर के खिलाड़ियों को जल्द पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर इनाम राशि मिलेगी।
विकास शर्मा, चंडीगढ़ : शहर के खिलाड़ियों को जल्द पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर इनाम राशि व नौकरियां मिलेंगी। नए साल में यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की नई स्पोर्ट्स पॉलिसी लागू हो जाएगी। इस बात का खुलासा खुद स्पोर्ट्स सेक्रेटरी केके यादव ने किया है। स्पोर्ट्स सेक्रेटरी केके यादव ने बताया कि यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट नेशनल स्पोर्ट्स पॉलिसी समेत सात अन्य राज्यों की स्पोर्ट्स पॉलिसी को स्टडी कर यूटी की नई स्पोर्ट्स पॉलिसी तैयार कर रहा है। पॉलिसी का ड्राफ्ट लगभग तैयार कर लिया है, इसी महीने में कोच व सीनियर खिलाड़ियों से मीटिग कर स्पोर्ट्स पॉलिसी को फाइनल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नई स्पोर्ट्स पॉलिसी में खिलाड़ियों के लिए नौकरियां, इनाम राशि व एक्रिडेशन की तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि यूटी स्पोर्ट्स पॉलिसी को बनाते समय हमारी दो प्राथमिकताएं रहेंगी। एक तो खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित करना दूसरा बेहतर खेल सुविधाएं देना और शहर में पहले से इंफ्रास्ट्रक्चर का इंटरनेशनल स्तर पर हाईटेक करना। खिलाड़ियों के पलायन को रोकने के लिए बनाई जा पॉलिसी
हर इंटरनेशनल प्रतियोगिता में शहर के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हैं। बावजूद इसके नेशनल गेम्स की पदक तालिका में चंडीगढ़ हर बार 8वें से 9वें स्थान पर रहता है। शहर के खिलाड़ी अगर पंजाब व हरियाणा की तरफ से खेलने को तरजीह न दें तो यह चंडीगढ़ पदक तालिका के ओर भी ऊपर हो सकता है, लेकिन यूटी की कोई स्पोर्ट्स पॉलिसी नहीं होने की वजह से शहर के प्रतिभावान खिलाड़ी अन्य राज्यों की तरफ से खेलने को ज्यादा तरजीह देते हैं। खिलाड़ियों की दलील है कि उनका करियर बहुत छोटा होता है, यूटी की तरफ से खेलने पर उनको अपने स्पोर्ट्स कोटे का कोई लाभ नहीं मिलता है, जबकि राज्यों की तरफ से खेलने पर उन्हें लाखों रुपये की इनामी राशि, अवॉर्ड व सरकारी नौकरी मिलती है। खिलाड़ियों का पलायन रुके इसलिए नई स्पोर्ट्स पॉलिसी बन रही है।
हरियाणा-पंजाब के मुकाबले कहीं नहीं ठहरती यूटी की स्पोर्ट्स पॉलिसी
चंडीगढ़ में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को जहां 2 से 3 लाख रुपये मिलते हैं, वहीं पंजाब-हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाडि़यों को 5 से 10 लाख रुपये मिलते हैं। पंजाब-हरियाणा में पदक जीतने वाले खिलाड़ी को फर्स्ट व सेकेंड क्लास जॉब ऑफर की जाती है, जबकि चंडीगढ़ की ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है। शहर के खिलाड़ी चंडीगढ़ से कोचिग लेकर पंजाब हरियाणा की तरफ से खेलने को तरजीह देते हैं। चंडीगढ़ की तरफ से नहीं दिया जाता कोई खेल अवॉर्ड
चंडीगढ़ के खिलाडि़यों को कोई अवॉर्ड नहीं दिया जाता है। वहीं पंजाब की तरफ से महाराजा रणजीत सिंह अवॉर्ड दिया जाता है। इस अवॉर्ड के तहत खिलाड़ियों को दो लाख रुपये नगद और ट्रॉफी दी जाती है। हरियाणा में अच्छा खेल प्रदर्शन करने वाले खिलाडि़यों को भीम अवॉर्ड दिया जाता है। इसके अवॉर्ड के तहत खिलाडि़यों को पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। नई स्पोर्ट्स पॉलिसी में यह कुछ होगा खास
नई पॉलिसी में खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स नर्सरी, एजुकेशनल इंस्टीटयूट्स में सीटों का रिजर्वेशन, नौकरियों में स्पेशल कोटा, बेहतर कैश अवॉर्ड, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का अपग्रेडशन, एथलीट्स के सिथेटिक ट्रेक, हॉकी के लिए नए एस्ट्रोटर्फ, इंडोर गेम्स के लिए नए इंडोर कांप्लेक्स और खिलाड़ियों को प्रमोशन में भी प्रेफरेंस दी जा सकती है। नई पॉलिसी का लाभ खिलाड़ियों के साथ-साथ कोचों को भी मिलेगा। नई स्पोर्ट्स पॉलिसी बनती है तो इससे एक तो खिलाड़ियों का पलायन रूकेगा, दूसरा बेहतर खेल सुविधाएं मिलने से खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी सुधार होगा।