पानी बर्बाद करने वाले संभल जाएं, अब कटेगा 5 हजार का चालान
पानी बर्बाद करना अब शहरवासियों को महंगा पड़ सकता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पानी बर्बाद करना अब शहरवासियों को महंगा पड़ सकता है। नगर निगम की आगामी हाउस मीटिंग में पानी की बर्बादी करने वालों को सबक सिखाने के लिए चालान शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। अभी तक नगर निगम की ओर से पानी की बर्बादी करने पर 2 हजार रुपये का चालान किया जा रहा था। लेकिन अब हाउस की मीटिंग में इस चालान राशि को 5 हजार रुपये किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम के सभी पार्षद भी तैयार हैं। निगम के अफसरों की मानें, तो इस बार की हाउस मीटिंग में लाए जा रहे एजेंडे में भी इसको शामिल किया है। जिसे पार्षदों की सर्वसम्मति से पास किया जाएगा।
30 को होने वाली बैठक में मिलेगी मंजूरी
30 अक्टूबर को नगर निगम की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी। निगम के अफसरों के मुताबिक 2009 से पहले चालान राशि 500 रुपये थी, जोकि 2010 में निगम की बैठक में 2 हजार रुपये कर दी गई थी। अब निगम की इस बैठक में पानी बर्बाद करने वालों के लिए इस चालान राशि को 5 हजार रुपये तक किया जा रहा है। अफसरों का कहना है कि शहर में कई जगहों पर व्यावसायिक व रिहायशी एरिया में पानी की पाइप लीक हो रही है, टैंक ओवरफ्लो हो रहे हैं और बिना मीटर के कई जगह पानी की सप्लाई की जा रही है। इन सबको ध्यान रखते हुए पानी को बर्बाद और उसकी चोरी करने वालों पर अब नगर निगम शिकंजा कसने जा रहा है।
पानी के मीटरों की रेगुलर रीडिंग लेने के आदेश
पानी के मीटर की रेगुलर रीडिंग लेने संबंधित अफसरों ने कर्मचारियों को आदेश जारी किए हैं। ताकि गैरकानूनी ढंग से पानी के लिए गए कनेक्शन और पानी की बर्बादी का पता लगाया जा सके। निगम कर्मचारियों को हर 15 से 20 दिन पर मीटर रीडिंग लिए जाने को लेकर भी आदेश जारी किए गए हैं।