गिन्नी माही बोली, जब दोस्तों को पता चला वह एसटीएससी वर्ग से हैैं तो...
अपने गीतों को जरिये धमाल मचाने वाली गिन्नी माही अंबेडकर से प्रभावित हैं। वह जाति बंधन को तोड़ना चाहती हैं।
वेब डेस्क, चंडीगढ़। महज 17 साल की उम्र में अपनी गायकी से धूम मचाने वाली गिन्नी माही का लक्ष्य बॉलीवुड में पाश्र्व गायिका बनना है। माही ने कहा कि वह बाबा राव भीमराव अंबेडकर से बहुत प्रभावित हैैं। वह उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाना चाहती हैैं।
माही ने कहा कि शुरू में उनके दोस्तों को यह पता नहीं था कि वह एसटी एससी वर्ग हैैं, लेकिन जब दोस्तों को यह बात पता चली तो वे चौक गए। हाल में 12वीं पास करने वाली माही धर्म में काफी रुचि रखती हैैं। उनके अधिकतर गाने धार्मिक ही हैैं। उनके अधिकतर गीत अमृतवाणी और गुरु रविदास जी की वंदना करते हुए हैैं। उनके हाल में एक गाने डेंजरस... ने उन्हें खूब सुर्खियां दी। यह यूट्यूब पर खूब हिट हुआ। इस वीडियो के जरिये उसने समाज में सदियों से व्याप्त जाति-व्यवस्था की जकडऩ को तोड़ने की कोशिश की।
माही को जानने वाले कहते हैैं कि वह जब सात साल की थी तभी से उसने गाना शुरू कर दिया था। वह गीत संगीत के जरिये जाति बंधन को तोड़ना चाहती है।
गिन्नी का कहना है कि अपने गीत के जरिये उसने यह बताने की कोशिश की कि छोटी जाति का एक ऐसा शब्द जिसे कानून के तहत अपमानजनक समझा जाता है। गिन्नी ने अपनी पहली अलबम 'गुरुनाम दी दीवानीÓ के जरिये सोशल मीडिया पर जगह बनाई थी।
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