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पंजाब के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा, मिला दो साल का एक्‍सटेंशन

पंजाब सरकार ने अपने के सरकारी कर्मचारियों को दीपावली से पहले हीे बड़ा तोहफा दिया है। राज्‍य सरकार ने सेवानिवृत होने वाले सभी कर्मचारियों को दो साल की सेवावृद्धि (एक्‍सटेंशन) दे दी है। पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2015 09:46 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2015 11:23 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने अपने के सरकारी कर्मचारियों को दीवाली से पहले हीे बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने सेवानिवृत होने वाले सभी कर्मचारियों को दो साल की सेवावृद्धि (एक्सटेंशन) दी है। लेकिन, इस दौरान न तो उन्हें कोई पदोन्नति और नहीं वेतनवृद्धि सहित अन्य कोई लाभ नहीं मिलेगा। इस सेवाकाल की गणना पेंशन तय करने में भी नहीं होगा। कर्मचारी अपनी रिटायरमेंट के समय मिलने वाले अंतिम वेतन पर ही दो साल काम करना होगा।

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यह फैसला मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में सोमवार सायं यहां हुई मंत्रिमंडल बैठक में किया गया। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। बैठक में पंजाब जंगलात (ग्रुप ए) मिनिस्टीरियल सर्विसेज नियम 2004 की जगह पंजाब जंगलात (ग्रुप ए) मिनिस्टीरियल सर्विसेज नियम 2015 को कानूनी रूप देने को हरी झंडी दी गई है। इसके अधीन डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन/योजना), बजट और अकाउंटस और प्राइवेट सेक्रेटरी (ग्रुप ए) प्रशासकीय अधिकारी के पदों को लाया गया है।

अचल जायदाद में निवेश सीमा एक करोड़ से बढ़ा कर 10 करोड़ की

राज्य मंत्रिमंडल ने औद्योगिक विकास के लिए वित्तीय रियायतों (संशोधित)-2013 के एक हिस्से के रूप में निवेशक पर बड़ा फैसला लिया है। मंत्रिमंडल ने अचल जायदाद में निवेश के दायरे का विस्तार करते हुए निवेश की सीमा एक करोड़ से बढ़ा कर दस करोड़ रुपये करने का फैसला किया है। इससे पहले यह रियायतें केवल औद्योगिक पार्क में स्थापित की जाने वाली औद्योगिक इकाइयों को ही मिला करती थी।

इस निर्णय से लघु और मध्यम उद्योगों को प्राेत्साहन मिलेगा। इसके के साथ ही श्री आनंदपुर साहिब सब डिवीजन की जगह समूचे रोपड़ जिले को जोन-एक में शामिल करने की स्वीकृति दी गई है यानी पूरे जिले में लगने वाली इंडस्ट्री इस नीति के तहत मिलने वाले लाभ और छूट की हकदार होगी। राज्य की मौजूदा इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग को एक व्यापक पैकेज प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल की अगली बैठक में पेश करने को कहा गया।

उद्योगों को सस्ती बिजली

सूबे में नए उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए पैदा हो रही अतिरिक्त बिजली का प्रयोग करने पर भी जाेर दिया गया। मंत्रिमंडल ने 'इन्वेस्ट पंजाब' अभियान के तहत लगने वाली औद्योगिक इकाइयों को सस्ती बिजली देने का फैसला किया। इसके तहत वित्तीय रियायतें संशोधित-2013 के तहत छूट देने के लिए पहले से स्थापित औद्योगिक इकाइयों को पांच रुपये प्रति यूनिट व एफसीए अलग दर से बिजली सप्लाई की जाएगी। इसके लिए इन इकाइयों में बिजली का प्रयोग कम से कम 50 फीसदी होना अनिवार्य है।

औद्योगिक इकायों को यह रियायत उत्पादन शुरू करने से पांच साल के लिए दी जाएगी। जो उद्योग पहले से ही उत्पादन शुरू कर चुके हैं, उन्हें यह छूट 28 अक्टूबर 2015 से अगले पांच साल के लिए दी जाएगी।

आैद्योगिक कोष होगा स्थापित

राज्य में व्यापार व उद्योग को विकसित करने के मकसद से कोष स्थापित करने के लिए मंत्रिमंडल ने 'दि पंजाब डेवलेपमेंट आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज आर्डिनेंस-2015Ó को भी स्वीकृति दे दी। इस फंड के तहत सरकार उद्योग और व्यापारिक कार्यों के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने, नए औद्योगिक एस्टेट, फोकल प्वाइंट और क्लस्टर स्थापित करने के अलावा वित्तीय रियायतें व अनुदान दिए जाएंगे। इससे औद्योगिक प्रदूषण पर भी रोक लगेगी।

इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए सरकार बाहर से राज्य में आने वाली वस्तुओं पर एंट्री टैक्स लगाएगी और इन करों से आने वाला पैसा इस फंड में रखा जाएगा। बाहर से आने वाली वस्तुओं पर लगाए जाने वाले टैक्स की दरें सरकार समय आने पर तय करेगी।

मैरिज पैलेस मालिकों को राहत

राज्य में अक्टूबर 2012 की नीति के तहत न आने वाले मैरिज पैलेसों के मालिकों की ओर से लगाई गई गुहार पर मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है कि ऐसे मैरिज पैलेस भी कुछ अतिरिक्त शुल्क देकर इस नीति का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए मैरिज पैलेसों को 2012 की नीति के तहत नियमित किए मैरिज पैलेसों वाले सभी शुल्क चुकाने होंगे।

मंत्रिमंडल ने गमाडा क्षेत्र अधीन आते गांव बलौंगी, दाऊंं, बड़माजरा, लांडरां और सनेटा में मिक्स लैंड यूज जोन/रिहायशी क्षेत्र में चल रही 47 औद्योगिक इकाइयों को अन्य स्थानों पर तबदील करने के लिए रियायत देने संबंधी विशेष नीति तैयार करने को स्वीकृति दी है।

नई नीति के अनुसार इन औद्योगिक इकाइयों को नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख से डेढ़ साल में इस जगह से साहिबजादा अजीत सिंह नगर के मास्टर प्लान या गमाडा के क्षेत्रीय प्लान में नामजद किए क्षेत्र में तबदील किया जाएगा।

इन औद्योगिक इकाइयों के मकान मालिकों की ओर से अपने स्तर पर जमीन खरीद कर इकाइयों को तबदील किया जाएगा और ऐसा करने के एवज में उनसे सीएलयू लाइसेंस फीस, ईडीसी और भवन योजना प्रवानगी फीस (कार्य टेक्स के अलावा) आदि नहीं ली जाएगी।

इन औद्योगिक इकाइयों के मकान मालिकों को यह भी हक होगा कि यदि गमाडा या पीएसआइईसी के पास कोई औद्योगिक प्लाट उपलब्ध हों तो वह प्लाट लेने के लिए अपने आवेदन दे सकते हैं मगर इसके लिए उन्हें दोनों एजेंसियों की अलाटमेंट संबंधी नियम व शर्तें पूरी करनी होंगी। इस संबंधी मसौदा नीति में संशोधन की अनुमति देने के लिए विभागीय मंत्री को अधिकृत किया गया है।

नए पदों के सृजन को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने पीपीएससी कार्यालय में सीनियर सहायकों, अकाउंटेंट, डाटाबेस प्रशासक और एक नेटवर्क इंजीनियर के पदों को पुन: सृजित करने की स्वीकृति भी दी है। राज्य में योग्य लाभार्थियों को बुढ़ापा और विधवा पेंशन का वितरण करने के कार्य को दुरुस्त करने के लिए मंत्रिमंडल ने सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग में डाटा अपलोड ओपरेटरों के 16 पदों को पुन: सृजित करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही बरनाला जिले में जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, सुपरिन्टेंडेंट ग्रेड-2, सीनियर सहायक, डाटा अपलोड आपरेटर सहित नौ नए पद बनाने को भी मंजूरी दी गई।


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