शक्ल के आधार पर किरदार मिलना बुरा है
मगर एक स्ट्रगल ये भी है कि आपका चेहरा खूबसूरत होना चाहिए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मुंबई में स्ट्रगल है, मगर एक स्ट्रगल ये भी है कि आपका चेहरा खूबसूरत होना चाहिए। ये खूबसूरती किसी मॉडल की तरह होनी चाहिए जिससे कि आप किरदार को ग्लैमरस दिखा सकें। इसकी वजह से कई प्रतिभावान कलाकर टीवी पर टिक नहीं पाते। सौभाग्य से फिल्मों में ये स्थिती बदली है। वहां नवाजुद्दीन सिद्दिकी, इरफान खान जैसे प्रतिभावान कलाकारों को एक हीरो की तरह देखा जाने लगा है। उम्मीद है कि ये स्थिती टीवी में भी जल्द नजर आएगी। एक्टर कृष्ण भारद्वाज कुछ इसी अंदाज में टीवी सीरियल कास्टिंग पर बात करते हैं। वह होटल हयात रिजेंसी में वह अपने नाटक तेनाली रामा के लिए पहुंचे। रोज सिर मुंडवाना पड़ता है
कृष्ण ने कहा कि तेनाली रामा सीरियल मिलने से पहले काफी वक्त खाली बैठा रहा। ये बहुत मुश्किल वक्त था। ऐसे में मुझे तेनाली रामा सीरियल मिला। इसकी शर्त ये थी कि मुझे सिर मुंडवाना है। मैं पहले बहुत सोच रहा था, कि क्या करूं। मगर स्थिति भी थी कि मैं कुछ करना चाहता था। मुझे लगा मैं इसे कर लेता हूं, कुछ समय बाद ये सीरियल बंद हो जाएगा। मगर आश्चर्यजनक रूप से ये सीरियल चल निकला। अब मुझे किरदार के लिए रोजाना सिर मुंडवाना पड़ता है।
भरतनाट्यम से लेकर आकाशवाणी की आवाज बना
कृष्ण ने कहा कि उन्हें उनके पिता ने ही अभिनय के प्रति उत्सुक किया। बोले कि पिता रेडियो और थिएटर करते थे। चार वर्ष की उम्र में पिता आकाशवाणी के दफ्तर ले गए, वहां रिकॉर्डेड ड्रामा करना था। मेरी आवाज के एक किरदार के लिए आवाज रिकॉर्ड की गई। इसके बाद तो मंच से मुझे प्यार ही हो गया। कई नाटक किए, रांची से मुंबई का सफर अभिनय के लिए ही हुआ। रांची में वैसे मैंने भरतनाट्यम का एक इंस्टीट्यूट भी खोला। मगर जल्द ही पता लग गया कि मुझे केवल अभिनय ही करना है। ऐसे में मैंने सब कुछ छोड़कर अभिनय की तरफ ध्यान दिया। अभी मैं इसी किरदार में व्यस्त हूं, लोग तेनाली रामा को इतना पसंद करते हैं कि बिल्डिंग में कई बच्चे मेरे पांव छूते हैं। मुझे अजीब लगता है कि लेकिन अच्छा भी कि लोग मेरे किरदार को इतना पसंद करते हैं।