50 करोड़ मिले.. लेकिन सड़कों की कारपेटिंग के लिए अभी करना होगा इंतजार Chandigarh News
रोड विंग के अनुसार 15 डिग्री से कम तापमान के दौरान सड़कों की कारपेटिंग नहीं हो सकती। इतनी ठंड में कारपेटिंग के लिए प्रयोग होने वाली निर्माण सामग्री टिक नहीं पाती है।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर की सड़कों की हालत सुधारने के लिए प्रशासक ने नगर निगम को 50 करोड़ रुपये का फंड देने की मंजूरी तो दे दी है लेकिन इसके बावजूद कारपेटिंग का काम नहीं शुरू हो पाएगा क्योंकि तापमान निरंतर कम हो रहा है। रोड विंग के अनुसार 15 डिग्री से कम तापमान के दौरान सड़कों की कारपेटिंग नहीं हो सकती। इतनी ठंड में कारपेटिंग के लिए प्रयोग होने वाली निर्माण सामग्री टिक नहीं पाती है। मौसम विभाग के अनुसार दस दिसंबर के बाद दोपहर का तापमान 15 डिग्री से कम हो जाएगा जबकि इस समय रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे जा रहा है। ऐसे में जनवरी तक शहर की सड़कों की कारपेटिंग का काम पूरी तरह से बंद रहेगा।
नगर निगम ने 58 करोड़ रुपये की लागत के सड़कों की कारपेटिंग करने का काम अलॉट किया हुआ है लेकिन यह काम फंड की कमी होने के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है। इस समय शहर की सड़कों की हालत इतनी खस्ता है कि हर दिन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर के प्रमुख मार्गो के अलावा अंदरूनी सड़कों की हालत खस्ता है। प्रशासन की ओर से जो इस साल नगर निगम में 13 गांव शामिल किए गए हैं, उनकी सड़कों की हालत भी खस्ता है। इंजीनियरिंग विंग के अनुसार गर्मी में दिन और रात दोनों समय सड़क की कारपेटिंग की जा सकती है लेकिन सर्दी में ऐसा संभव नहीं है।
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अभी 15 करोड़ से कारपेटिंग का काम जारी
प्रशासन की ओर से सड़कों के लिए 15 करोड़ रुपये की राशि भेजी गई है। जिससे सड़कों की कारपेटिंग का काम चल रहा है। कमिश्नर केके यादव का कहना है कि सबसे पहले उन सड़कों की हालत सुधारी जाएगी जिनकी ज्यादा खस्ता हालत है। प्रयास रहेगा कि 15 डिग्री से तापमान में गिरावट से पहले ही सभी प्रमुख सड़कों की कारपेटिंग हो जाएगी।
पिछले साल 135 करोड़ करवाए थे मंजूर
पिछले साल भी वित्तीय संकट गर्माने पर प्रशासन ने नगर निगम को 135 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड देना मंजूर किया था जिसके बाद वित्तीय संकट से नगर निगम बाहर आया था। उस समय इसका क्रेडिट तत्कालीन मेयर देवेश मोदगिल ने लिया था जबकि इस साल 152 करोड़ रुपये के फंड की मंजूरी होने का क्रेडिट मेयर राजेश कालिया ले रहे हैं जबकि हकीकत है कि अतिरिक्त फंड दिलवाने में नगर निगम कमिश्नर केके यादव की भी अहम भूमिका रही है। पिछले माह पैसा न होने के कारण सभी काम ठप होने से सदन की बैठक में कमिश्नर और पार्षदों के बीच टकराव भी हुआ था।