Punjab Scholarship Scam: गहलोत का हरसिमरत को पत्र, विभाग के सचिव को सौंपी जांच
पंजाब में स्कॉलरशिप घोटालेे के मामले में थावर चंद गहलोत ने हरसिमरत कौर बादल को पत्र लिखा है। कहा कि जांच का जिम्मा विभाग के सचिव को सौंपा गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले को लेकर केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल को पत्र लिखकर घोटाले की जांच का जिम्मा विभाग के सचिव को दिए जाने की जानकारी दी है। गहलोत के अनुसार विभाग के सचिव जांच करने के बाद उन्हें रिपोर्ट देंगे।
घोटाले की जांच के लिए केंद्र सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। ज्वाइंट सेक्रेटरी कल्याणी चड्ढा इस कमेटी की चेयरपर्सन बनाया गया था और उनके साथ संयुक्त सचिव एसए मीणा और आइएफडी डायरेक्टर प्रकाश तामरकार को सदस्य बनाया गया था। वहीं, अब गहलोत द्वारा लिखे गए पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि जांच सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के सचिव करेंगे।
उल्लेखनीय है कि स्कालरशिप में 63.91 करोड़ रुपये का घोटाला विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज की जांच रिपोर्ट में सामने आया था। इस रिपोर्ट को दैनिक जागरण ने 27 अगस्त के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन को रिपोर्ट देने को कहा था।
विनी महाजन द्वारा रिपोर्ट की पड़ताल के लिए गठित तीन आइएएस अधिकारियों प्रमुख वित्त सचिव केपीए सिन्हा, प्रमुख सचिव प्लानिंग जसपाल सिंह और विजिलेंस विभाग के सचिव वीपी द्वारा रिपोर्ट की पड़ताल का काम पूरा कर लिया है। वह मंगलवार या बुधवार तक चीफ सेक्रेटरी को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। जिसके बाद चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन अपने कमेंट्स देकर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।
खास बात यह है कि घोटाले को लेकर केंद्र सरकार भी खासी गंभीर दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र द्वारा गठित की गई कमेटी को संघीय ढांचे पर प्रहार बताया था। हालांकि विपक्ष ने मुख्यमंत्री के इस दावे को खारिज कर दिया था। केंद्रीय राज्य मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा था कि पैसा केंद्र दे रहा है। अत: उसे इसकी जांच करवाने का भी पूरा अधिकार है।
स्कॉलरशिप घोटाले का मामला पहुंचा हाई कोर्ट
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। एडवोकेट फैरी सोफत ने जनहित याचिका में घोटाले को बैंक फ्राड बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। याचिका में केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, सीबीआइ, पंजाब के चीफ सेक्रेटरी, मंत्री साधू सिंह धर्मसोत और विभाग के निदेशक को प्रतिवादियों में शामिल किया गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह घोटाला सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसे मामले कई अन्य राज्यों में भी सामने आए हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने ऐसे मामले में सीबीआई जांच शुरू करवा दी है और हरियाणा में स्कॉलरशिप घोटाले में एफआइआर दर्ज हो चुकी है।
केंद्र सरकार ने एससी, एसटी व अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए 303 करोड़ की राशि जारी की थी। जिसे फर्जी बैंक खाते खुलवाकर जमा करवाया गया और बिना औपचारिक कागजी कार्रवाई किए बिना खुद-बुर्द कर दिया गया। विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज की रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया गया, जिसमें मंत्री साधू ङ्क्षसह धर्मसोत सहित कई अफसरों की भूमिका पर सवाल किए गए हैं।