कैश एंड कैरी छूट का ग्राहकों को नहीं मिल रहा फायदा, गैस एजेंसियां हर दिन कर रही हजारों की ठगी
एजेंसी वाले कभी भी ग्राहकों को सीएनसी (कैश एंड कैरी) के बारे में नहीं बताते और सीएनसी से मिलने वाली छूट के रुपये अपनी जेब में डाल लेते हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर की सभी गैस एजेंसियां मजबूरी का फायदा उठाकर हर रोज ग्राहकों से हजारों की ठगी कर अपनी जेबें भरने पर लगी हुई हैं। गैस एजेंसियां यह ठगी सीएनसी (कैश एंड कैरी) के नाम पर मिलने वाली छूट पर कर रही हैं। इस कारगुजारी की आम लोगों को भनक तक नहीं लग रही।
गैस डीलर्स की ओर से की जा रही इस ठगी की जानकारी कंपनियों के बड़े अधिकारियों को भी है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि लगभग 12 लाख की आबादी के शहर को एचपी, इंडेन और भारत गैस कंपनी द्वारा जारी की गई कुल 23 गैस एजेंसियों द्वारा रोजाना हजारों गैस सिलेंडर मुहैया करवाए जाते हैं।
सूत्रों के अनुसार रोजाना एक गोदाम से हर रोज औसतन 50 सिलेंडर ग्राहक अपनी जिम्मेदारी पर ले जाते हैं। इस अनुमान से लगभग 1100 ग्राहक अपनी जिम्मेदारी पर सिलेंडर एजेंसियों के गोदाम ले जाते है लेकिन एजेंसी वाले कभी भी ग्राहकों को सीएनसी (कैश एंड कैरी) के बारे में नहीं बताते और सीएनसी से मिलने वाली छूट के रुपये अपनी जेब में डाल लेते हैं।
गोदाम से लेने पर मिलती है 27.60 रुपये की छूट
नियम है कि गोदाम से रसोई गैस सिलेंडर लेने पर उपभोक्ता को 27.60 रुपये की छूट मिलती है, लेकिन कोई एजेंसी इसका पालन नहीं कर रही है। ग्राहकों को इसके बारे में जानकारी न होने के कारण एजेंसी वाले भी मनमानी कर उन्हें लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ते। 12 फरवरी से पहले एजेंसी होम डिलीवरी करने और गोदाम से गैस सिलेंडर देने के लिए ग्राहकों से 728.50 चार्ज करती रही हैं। 12 फरवरी को घरेलू गैस के दाम बढ़ने से अब एजेंसी होम डिलीवरी करने और गोदाम से गैस सिलेंडर देने के लिए ग्राहकों से 873.50 चार्ज कर रही हैं।
एजेंसी ने बढ़े हुए दाम के लिए लोगों को बताना तो शुरू कर दिया, लेकिन कर्मचारी सीएनसी (कैश एंड कैरी) वाली छूट में बताने में कोताही बरत जाते हैं। गांवों और कॉलोनियों में उपभोक्ताओं की संख्या ज्यादा शहर में सिविल सप्लाई के लिए तीन बड़ी ऑयल कंपनियों द्वारा 23 गैस एजेंसियों को लाइसेंस दिया गया है। ये 23 गैस एजेंसियां शहर के लगभग दो लाख 41 हजार उपभोक्ताओं को घरेलू गैस सिलेंडर सप्लाई करती हैं। इनमें कुछ गैस एजेंसियां के कॉलोनी और गांवों में अधिक ग्राहक हैं।
इसके अलावा कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पर नौकरीपेशा वाले लोग रहते हैं। जो सुबह जल्दी घर से जॉब के लिए निकल जाते हैं और देर शाम को ही अपने घर वापस आते हैं। ऐसे में कभी भी गैस की सप्लाई घर पर नहीं ले सकते। जिसके चलते वो खुद ही गोदाम से गैस सिलेंडर लेने जाते हैं। इस प्रकार इमरजेंसी में रोजाना लगभग 50 लोग अपना गैस सिलेंडर लेते हैं। आंकड़ों की बात करें तो रोजाना 1125 लोग रोजाना गोदाम से सिलेंडर लेते हैं।
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