गैप ईयर बना 11वीं की एडमिशन का सिरदर्द
ग्यारहवीं की दूसरी काउंसलिंग की मेरिट लिस्ट जारी होते ही जिला शिक्षा विभाग सेक्टर-19 और डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन सेक्टर-9 में स्टूडेंट्स की लाइनें लगना शुरू हो गई। विभाग के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द स्टूडेंट्स का गैप ईयर बन रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : ग्यारहवीं की दूसरी काउंसलिंग की मेरिट लिस्ट जारी होते ही जिला शिक्षा विभाग सेक्टर-19 और डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन सेक्टर-9 में स्टूडेंट्स की लाइनें लगना शुरू हो गई। विभाग के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द स्टूडेंट्स का गैप ईयर बन रहा है। सोमवार को दूसरी मेरिट लिस्ट जारी होते ही सैकड़ों अभिभावक विभाग के आला अधिकारियों के बाद पास शिकायत लेकर पहुंचने लगे है कि उनका नंबर काउंसलिंग में नहीं आया। पहली और दूसरी काउंसलिंग के दौरान 1662 स्टूडेंट्स ऐसे थे जिन्होंने वर्ष 2018 से पहले दसवीं पास की थी और किन्हीं कारणों से वह पहले दाखिला नहीं ले सके। इस साल दाखिले के लिए आवेदन फार्म में नंबर भरने पड़ रहे है जबकि एक या दो साल पहले दसवीं पास किए हुए स्टूडेंट्स के पास नंबर नहीं है, क्योंकि पिछले साल तक सीजीपीए सिस्टम से दसवीं क्लास पास होती थी। स्टूडेंट्स के लिए सीजीपीए है सबसे बड़ी परेशानी-
2017 में स्टूडेंट्स के पास होने पर सीजीपीए आते थे। जिस स्टूडेंट्स के 6 सीजीपीए है उन्हें स्टूडेंट्स ने इस साल 60 प्रतिशत नंबर बना दिया है। इसके अलावा परिणाम में हर सबजेक्ट के नंबरों की जगह ग्रेड दिए गए है। जैसे ए प्लस, बी प्लस या फिर ए और बी माइनस। स्टूडेंट्स ने ग्रेड को प्लस की जगह माइनस और माइनस की जगह प्लस किया हुआ है। उस कारण फाइनल केलकुलेक्शन में फर्क पड़ा है। 9.5 को सीजीपीए से करना है गुणा
सीजीपीए का प्रतिशत निकालने के लिए सीबीएसई का मैथड है कि 9.5 को सीजीपीए से गुणा कर दें। यदि किसी स्टूडेंट्स के 6 सीजीपीए है तो 9.5 से गुणा करने पर 57 प्रतिशत अंक बनते है। इसी प्रकार 7 सीजीपीए वाले स्टूडेंट्स का प्रतिशत 66.5 प्रतिशत बनता है। इसी प्रकार से टेन सीजीपीए वाले के भी मात्र 95 प्रतिशत अंक ही बनते है। हाई-फाई स्कूल में दाखिला देना विभाग की परेशानी
स्टूडेंट्स की ज्यादातर डिमांड है कि उन्हें गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-16, जीजीएमएसएसएस-18, जीएमएसएसएस सेक्टर-37बी, जीएमएसएसएस-35, जीएमएसएसएस मनीमाजरा हाउसिंग कांप्लेक्स जैसे स्कूलों की है। स्टूडेंट्स ने दूसरी काउंसलिंग में स्कूलों में खाली सीट देखने के बजाय सीधे इन स्कूलों के लिए अप्लाई किया हुआ है लेकिन इन स्कूलों में सीटें लगभग पूरी भर चुकी है। 1837 सीटें है अभी भी खाली
स्टूडेंट्स की तरफ से गलत फार्म भरने के कारण दूसरी काउंसलिंग में भी मात्र 1614 सीटें ही भरी है। 1837 सीटें अभी भी खाली है। उसके लिए विभाग तीसरी काउंसलिंग करेगा। यह काउंसलिंग दसवीं के कंपार्टमेंट के परिणाम आने के बाद होगी। अभी उम्मीद है कि यह काउंसलिंग 13 अगस्त से होगी। सीट की उपलब्धता और कट ऑफ देखकर करें अप्लाई- डीईओ
कई स्कूलों में सीटें भर चुकी है। वहां पर दाखिला अब संभव नहीं है। तीसरी काउंसलिंग के लिए पहले सीट की उपलब्धता जरूर चेक करें। उसके बाद स्कूल की कटऑफ जरूर चेक कर लें। कई स्कूलों में दूसरी काउंसलिंग की कटऑफ 90 प्रतिशत पर रुक गई है। ऐसे में वहां पर 80 प्रतिशत वाले स्टूडेंट्स भी अप्लाई न करें।
अनुजीत कौर, जिला शिक्षा अधिकारी।