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मोहाली में अवैध बने 58 घर और फ्लैट को तोड़ेगा गमाडा, बिल्डरों के खिलाफ एक्शन की तैयारी में अधिकारी

मोहाली जिले में अपने सपनों का आशियाना बनाने वालों को नुक्सान झेलना पड़ सकता है। गमाडा ने मोहाली में बने 58 घरों को अवैध बताते हुए इन्हें तोड़ने का फैसला लिया है। वहीं इन घरों में रहने वाले लोगों को दो माह का समय दिया गया है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 01:53 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 01:53 PM (IST)
मोहाली में अवैध बने 58 घर और फ्लैट को तोड़ेगा गमाडा, बिल्डरों के खिलाफ एक्शन की तैयारी में अधिकारी
मोहाली में अवैध बने 58 घर और फ्लैट को तोड़ेगा गमाडा।

मोहाली, जेएनएन। मोहाली जिले के कई गांवों में बिल्डरों द्वारा अवैध तौर पर कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। लोग भी घर और प्लाट खरीदने के चक्कर में बिल्डरों के बहकावे में आकर खुद का नुकसान करवा रहे हैं। ऐसे में अब ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) ने खरड़ सबडिवीजन में अवैध तौर पर मकान व फ्लैट बनाकर लोगों को बेचने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है। गमाडा अधिकारियों का कहना है कि बिल्डरों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया जाएगा। इसके साथ अवैध मकानों को भी गिराया जाएगा।

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अधिकारियों के मुताबिक जिले में सबसे ज्यादा अतिक्रमण मोहाली के गांव बहलोलपुर में है। जहां 58 अवैध घरों का निर्माण किया गया है। बीते 17 मार्च को गमाडा के अधिकारी घरों को तोड़ने के लिए गए थे लेकिन लोगों के विरोध चलते कार्रवाई को अमल में नहीं लाया जा सका और उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। अब गमाडा की ओर से घरों में रहने वाले लोगों को दो माह तक समय दिया गया है कि वे मकान खाली कर दें नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

जांच के बाद दोषी पर होगी कार्रवाई

उधर, गमाडा के एसीए राजेश धीमान ने कहा कि अवैध निर्माण हटाए जा रहे हैं। लेकिन इसके साथ इस बात की भी जांच की जा रही है कि किस किस अनुमति से ये अवैध मकान व फ्लैट बने हैं। जो भी मामले में दोषी पाए जाएंगे उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। धीमान ने कहा कि बिल्डरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

मकान में रहने वाले लोगों का आरोप

वहीं मकानों में रह रहे लोगों का कहना है कि अगर अवैध निर्माण थे तो सरकार ने रजिस्ट्ररियां क्यों की। मकानों में रहने वाली निर्मला, प्रेम सिंह, सुखविंदर ने कहा कि पूरे जीवन की पूंजी लगाकर मकान बनाए हैं। अगर मकान गिराए गए तो वे जान दे देंगे। मकानों में रह रहे लोगों ने कहा कि ये गलती गमाडा व सरकार की है जिन्होंने अवैध मकानों की रजिस्ट्रियां की है। जहां तक की सरकारी विभागों की ओर से पानी व बिजली तक के कनेक्शन दिए गए। अब ये निर्माण अवैध कैसे हो गए। चाहे गमाडा दो माह का समय दे या दो साल तक मकान नहीं छोड़े जाएंगे।


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