अवैध कब्जे हटाने गई गमाडा और पुलिस टीम पर पथराव, महिला ASI का सिर फटा Chandigarh News
डॉक्टरों ने कहा कि सब इंस्पेक्टर के सिर में गहरा जख्म होने के चलते आठ टांके लगाए गए हैं। वहीं भीड़ को काबू करने के लिए थाने से और फोर्स मंगानी पड़ी।
मोहाली, जेएनएन। गांव बड़माजरा में पुलिस की मदद से अवैध कब्जे हटाने गई गमाडा की टीम पर लोगों ने शुक्रवार को अचानक पथराव कर दिया। इस पथराव में बलौंगी थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर अमनदीप कौर के सिर में दो बड़े पत्थर लगे। लहुलूहान सब इंस्पेक्टर व गमाडा अधिकारियों को गुस्साई भीड़ से बचाकर पुलिस फेज-6 सिविल अस्पताल लेकर आई। डॉक्टरों ने कहा कि सब इंस्पेक्टर के सिर में गहरा जख्म होने के चलते आठ टांके लगाए गए हैं। वहीं, भीड़ को काबू करने के लिए थाने से और फोर्स मंगानी पड़ी। पुलिस ने मौके से महिलाओं सहित छह लोगों को काबू किया है।
एसएचओ बलौंगी मनफूल सिंह ने कहा कि फिलहाल लोगों को राउंडअप किया है। मौका-ए-वारदात पर वीडियो बनाया गया है। वीडियो को देखकर वॉयलेशन करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। लोगों का आरोप बिना नोटिस के तोड़ दिए घर गांव बड़माजरा में न्यू कंस्ट्रक्शन का काम जोरों पर चल रहा है। गमाडा अधिकारियों के अनुसार यहां किया जा रहा निर्माण अवैध है। सुबह करीब साढ़े 11 बजे गमाडा के एन्फोर्समेंट इंजीनियरिंग स्टाफ में तैनात एसडीओ रेगुलेटरी हरमिंदर सिंह, ड्यूटी मजिस्ट्रेट वरिंदर सिंह धूत, एसएचओ मनफूल सिंह समेत करीब 25 लोगों की टीम मौके पर पहुंची।
टीम में 2 जेसीबी मशीनें, 2 ट्रक मौके पर मौजूद थे। टीम द्वारा करीब 12 नए स्ट्रक्चर तोड़े गए। जिस समय गमाडा टीम द्वारा पीला पंजा चलाया जा रहा था, उसी समय उग्र हुए लोगों ने अपने टूटते घर देखकर आपा खो दिया और पुलिस पर पथराव कर दिया। पथराव में सब इंस्पेक्टर अमनदीप कौर के सिर में पत्थर लगा। लोगों का आरोप था कि गमाडा अधिकारी बिना नोटिस दिए उनके घर तोड़ने आ गए।
गमाडा अधिकारी बोले : 42 दिन का दिया था समय
एसडीओ रेगुलेटरी हरमिंदर सिंह ने कहा कि बड़माजरा में हो रही नई कंस्ट्रक्शन को तोड़ा गया है जबकि पुराने बने मकानों को नहीं। 42 दिन पहले लोगों के घर के बाहर डेमोलेशन ऑर्डर चस्पा किया गया था और उनसे इस समय के अंदर दिए गए नोटिस का जवाब मांगा था। कुछ लोगों ने मवेशियों को मेंटेन करने के लिए घर बनाने की बात कहकर नोटिस का जवाब दिया था परंतु जब बड़माजरा गांव का दौरा किया गया तो यहां अवैध मकान बनाए जा रहे थे।
अगर जगह अवैध तो सरकार ने क्यों की रजिस्ट्री
दरअसल यह जमीन बड़माजरा के एक जमींदार सुच्चा सिंह की है। जिसकी यहां 3 एकड़ जगह बताई जा रही है। उसने यह जमीन सोनू नाम के प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर साढ़े 4 लाख रुपये मरले के हिसाब से लोगों को जमीन बेची है। लोगों का आरोप है कि अगर जगह अवैध है तो सरकार इन मकानों की रजिस्ट्री क्यों कर रही है। एक तरफ सरकारी फीस ली जा रही है, दूसरी तरफ ब्याज पर पैसा उठाकर बनाए गए मकानों को गमाडा ने बिना नोटिस दिए तोड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि कॉलोनी में बिजली के मीटर, सीवरेज तक डाला जा चुका है। उस समय गमाडा ने कुछ कार्रवाई नहीं की।
ये हैं नियम
बता दें कि किसी भी रेजिडेंशियल या कमर्शियल जमीन पर अगर कॉलोनी काटी जाती है तो उसे रेरा सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है। इसके अनुसार कॉलोनी काटने के लिए 80 फीसद से अधिक जमीन की मलकियत होनी चाहिए। दूसरी तरफ जिस भी अधिकार क्षेत्र में यह जमीन आती है, उसे अथॉराइजेशन अथॉरिटी से नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी लेना होता है। कोई भी रेजिडेंशियल जमीन पर इस तरह बिना परमिशन के सोसायटी नहीं काट सकता, उसे अवैध माना जाता है। वहीं गमाडा अधिकारियों ने बताया कि बेशक लोगों ने वहां रजिस्ट्री करवाई है परंतु हाईकोर्ट के ऑर्डर-2894 /2017 के अनुसार अगर रेरा सर्टिफिकेट नहीं है तो उस कॉलोनी को अवैध प्रॉपर्टी मानकर एक्शन लिया जा सकता है। दूसरी तरफ बड़माजरा में बैंकों ने लोन देना भी बंद किया हुआ है।
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