स्टेथोस्कोप व बीपी टेस्ट की मशीन लेकर पीजीआइ में घूम रहा था नकली डॉक्टर, धरा
पीजीआइ के न्यू ओपीडी की तीसरी मंजिल पर न्यूरो डिपार्टमेंट में नकली डॉक्टर बनकर घुम रहे गिरफ्तार आरोपित सुमित के खिलाफ धारा 419 (जमानती) के तहत केस दर्ज किया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ के न्यू ओपीडी की तीसरी मंजिल पर न्यूरो डिपार्टमेंट में नकली डॉक्टर बनकर घुम रहे गिरफ्तार आरोपित सुमित के खिलाफ धारा 419 (जमानती) के तहत केस दर्ज किया। हालांकि पुलिस ने उसे रात भर लॉकअप में बैठाकर रखा और सुबह हिमाचल पुलिस से कुछ वेरिफिकेशन करवाने के बाद कानूनी कार्रवाई के बाद छोड़ दिया। वहीं, देर रात उसके परिजन भी सूचना पाकर चंडीगढ़ पहुंच गए थे और उन्होंने यूटी पुलिस की जांच में पूरा सहयोग किया। आरोपित सुमित के कोचिंग सेंटर से जानकारी मिली की वह मेडिकल की तैयारी कर रहा है और उसके पास स्टेथोस्कोप, बीपी चेकअप मशीन जैसी नॉर्मल सामान होते है। फिलहाल, इस मामले में यूटी पुलिस जल्द ही आरोपित सुमित के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश करेगी।
दरअसल, शनिवार शाम हिमाचल के कसुम्पटी का मूल निवासी सुमित पीजीआइ के न्यू ओपीडी में डाक्टर बनकर घूम रहा था। इस दौरान उसके गले में स्टेथोस्कोप, बीपी टेस्ट करने की मशीन और स्टॉम्प भी था जब सुमित न्यू ओपीडी में तीसरी मंजिल पर घूम रहा था, तभी सिक्योरिटी स्टाफ को शक हुआ। क्योंकि उसने डॉक्टर की ड्रेस नहीं पहन रखी थी। इसके बाद सिक्योरिटी ने वेरिफाई करने के बाद पकड़कर पीजीआइ स्टाफ को जानकारी दी। पूछताछ में वह अपना कोई डिपार्टमेंट नहीं बता पाया और न ही अपनी आइडी कार्ड दिखा सका। इसके बाद पीजीआइ स्टाफ ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। बता दें कि इससे पहले भी पीजीआइ से कई साल पहले भी एक युवक पकड़ा गया था। वह पीजीआइ के लेबर डिपार्टमेंट में डॉक्टर बनकर घूमता था और सिर्फ लड़कियों को चेक करता था लेकिन, कभी किसी को दवा नहीं लिखता था। घर वाले भी पहुंचे चंडीगढ़, कुछ भी बोलने से साफ इन्कार
देर रात सूचना पाकर आरोपित सुमित के परिवार के सदस्य भी चंडीगढ़ पहुंच गए थे। वह पुलिस से माफी मागने में लगे हैं कि उनके बेटे ने गलती कर दी। फिलहाल, पुलिस केस दर्ज करके कानूनी कार्रवाई के तहत उसे जमानत दी। वहीं, परिजनों ने मीडिया से किसी भी तरह की बातचीत करने से साफ इन्कार कर दिया। तीन साल की सजा या जुर्माना का प्रावधान
जिला अदालत के एडवोकेट मनोज फूल सिंह ने बताया कि इस केस में खुद को गलत पोस्ट पर प्रेजेंट करने के तहत केस दर्ज होता है। जिसमें कानून के तहत तीन साल की सजा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।