शहर के चार स्कूलों में नहीं होंगे इस सत्र में दाखिले, क्वारंटाइन सेंटर बने होने की वजह से लिया फैसला
इन चार स्कूलों में मलोया पीजीआइ रायपुर रानी और मक्खन माजरा का स्कूल शामिल है।
चंडीगढ़, वैभव शर्मा। बच्चों को शिक्षा देने के उद्देश्य से चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में आठ स्कूलों का निर्माण किया था। इनमें से चार स्कूलों को इस वर्ष ही शिक्षा विभाग को हैंडओवर किया जाना था। मगर कोरोना वायरस के चलते ऐसा हो न सका। शिक्षा विभाग ने इन नए स्कूलों में इस सत्र के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू न करने का फैसला लिया है। इन चार स्कूलों में मलोया, पीजीआइ, रायपुर रानी और मक्खन माजरा का स्कूल शामिल है।
प्रशासन ने बनाए हुए है क्वारंटाइन सेंटर
शहर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमित केस को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने इन सभी स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने का निर्णय लिया था। जिसके तहत इन स्कूलों में लोगों को दूसरी जगहों से लाकर क्वारंटाइन किया गया हैं। इन चारों स्कूलों में 300 से 500 लोग क्वारंटाइन किए हुए हैं।
साढ़े तीन हजार स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था
यह चारों स्कूल शहर के दूसरे सरकारी स्कूलों के मुकाबले काफी बड़े हैं। इनके कमरों का आकार, बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर हर चीज को दूसरे स्कूलों से बड़ा बनाया गया है। इन स्कूलों में करीब तीन से साढ़े तीन हजार स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था भी है।
सुरक्षा को देखते हुए लिया गया फैसला
इस सत्र से स्कूलों को शुरू न करने का फैसला स्टूडेंट्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। शहर में कोरोना संक्रमित केस की संख्या रोजाना बढ़ रही हैं। ऐसे हालात में क्वारंटाइन बनाए गए स्कूलों को खोलना खतरे से खाली नहीं रहेगा। विभाग इस बात को साफ कर चुका है कि अगर हालात सामान्य भी हो जाते है तो भी इन स्कूलों को नहीं खोला जाएगा।
दाखिले के समय आ सकती है परेशानी
सूत्रों के अनुसार स्कूलों को न खोलने से अभिभावकों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती हैं। स्कूलों में बच्चों को डायरेक्ट प्रमोट किया जा रहा है। ऐसे हालात में जब दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी तो दाखिले के लिए स्टूडेंट्स में मारामारी रहेगी। कई स्टूडेंट्स दाखिले से वंचित भी रह सकते है।
स्कूलों को न खाेलने और उनमें दाखिला प्रक्रिया न करने का फैसला सोच समझ कर ही किया गया है। दाखिला प्रक्रिया के समय कैसी स्थिति होगी, इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता है। हम प्लानिंग कर रहे हैं। आने वाले समय में सब ठीक होगा।
रूबिंदरजीत सिंह बराड़, डायरेक्टर एजुकेशन