ट्राईसिटी के चार होनहारों ने PM मोदी के साथ देखा Mission Chandrayaan 2
केंद्र सरकार की ओर से हर स्कूल में स्पेस क्विज का आयोजन किया गया था। क्विज में पंचकूला से निष्ठा को चंडीगढ़ से अक्षत रेजल गुप्ता और खरड़ की शगुन को आने के लिए निमंत्रण मिला था।
चंडीगढ़/पंचकूला, जेएनएन। ट्राईसिटी से चार स्टूडेंट्स चंद्रयान टू की लैंडिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाइव देखने के लिए बेंगलुरु स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) गए। हालांकि शुक्रवार रात 1.55 बजे भारत का चंद्रयान-2 मिशन मुश्किल में फंस गया और भारत की मुठ्ठी से चांद फिसलता दिखा। सतह से 2.1 किमी की दूरी पर लैंडर विक्रम से इसरो के मिशन कंट्रोल का संपर्क टूट गया। इससे पहले यहां पहुंचे बच्चों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत की और उनके सवालों के जवाब भी दिए। इन बच्चों में पंचकूला के अमरावती विद्यालय की निष्ठा शर्मा, चंडीगढ़ से सेक्टर-26 स्थित सेक्रेड हार्ट में दसवीं की छात्रा रेजल गुप्ता के अलावा सेक्टर- 47 स्थित केंद्रीय स्कूल 3बीआरडी एयरफोर्स स्टेशन में 10वीं के छात्र अक्षत और खरड़ में एनेज स्कूल में 10वीं की छात्रा शगुन भी मौजूद थी। शगुन और अक्षत आकाश इंस्टीट्यूट से फाउंडेशन कोर्स कर रहे हैं।
बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर से हर स्कूल में स्पेस क्विज का आयोजन किया गया था। इसमें इन्होंने भी भाग लिया था। पूरे देश में करीब दस दिनों तक इसका आयोजन हुआ था। क्विज में पंचकूला से निष्ठा को, चंडीगढ़ से अक्षत, रेजल गुप्ता और खरड़ की शगुन को आने के लिए निमंत्रण मिला था। निष्ठा के पिता अमृतपाल शर्मा उसके साथ गए। परंतु नासा हेडक्वार्टर में केवल विजेता विद्यार्थियों को ही एंट्री दी गई। जबकि अभिभावकों को गेस्ट हाउस में रखा गया। सभी विद्यार्थी नासा की टोपी एवं टीशर्ट दी गई है।
फेसबुक चलाते समय मां ने दिया था निष्ठा को चैलेंज
गौरतलब है कि निष्ठा कुछ दिन पूर्व फेसबुक चला रही थीं तो उनकी मां प्रीति शर्मा ने चैलेंज दिया कि यदि वह सच में एस्ट्रोनॉट बनना चाहती हैं तो भारत सरकार द्वारा आयोजित स्पेस क्विज 2019 के सवाल हल करके दिखाए। निष्ठा ने मां का चैलेंज स्वीकार किया और 7 मिनट में 10 सवालों का जबाव दे दिया था। निष्ठा को भरोसा था कि वह सफल होगी परंतु माता-पिता को संशय था क्योंकि सात मिनट को वह बहुत ज्यादा मान रहे थे। 28 अगस्त को निष्ठा की ईमेल पर एक मैसेज आया तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। निष्ठा मे कहा कि आगे चलकर वह एस्ट्रोनॉट बनना चाहती हैं और यह उनकी पहली सीढ़ी है।
अक्षत और शगुन ने हासिल किए पूरे नंबर
चंडीगढ़ के अक्षत शुक्ला, रेजल और खरड़ की शगुन पंजवानी ने बताया कि वे काफी खुश हैं। इसरो की एक ऑनलाइन प्रतियोगिता में अक्षत और शगुन ने पूरे अंक हासिल कर यह मौका पाया है। देशभर से आए विजयी छात्रों के साथ इसरो के बारे में भी जानकारी लेने का अवसर पर मिल रहा है। अक्षत ने 6 मिनट 26 सेकेंड में सभी प्रश्न हल कर दिए। वहीं, शगुन ने साढ़े नौ मिनट में सभी प्रश्न हल किए थे। देशभर में आयोजित इस प्रतियोगिता में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश से एक छात्र व एक छात्रा का चयन होना था। इसमें अक्षत और शगुन ने बाजी मार ली। अक्षत को उनके पिता आशुतोष शुक्ला और शगुन को उनके पिता विनय पंजवानी ने इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी दी थी।
साइंस में करियर बनाएंगी रेजल
रेजल गुप्ता भी अपनी मां सोनिया गुप्ता के साथ इस ऐतिहासिक पलों में शामिल हुई। रेजल पढ़ाई में काफी होशियार छात्रा हैं। रेजल के पिता धीरज गुप्ता गवर्नमेंट कांट्रेक्टर और उनकी मां सोनिका गुप्ता आर्टिस्ट हैं। दोनों ही रेजल के साथ इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने के लिए उनके साथ गए हैं। रेजल की इस उपलब्धि के बारे में रेजल की मां सोनिका गुप्ता ने बताया कि रेजल की शुरू से ही साइंस में रूचि रही है और वह भविष्य में साइंस में करियर बनाएंगी।