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PM की सुरक्षा में सेंध के कारण रुका था PGI सेटेलाइट सेंटर का शिलान्यास, मनसुख मांडविया से मिलेंगे बलबीर सिंह

पांच जनवरी 2022 को फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध के चलते जो पीजीआई सेटेलाइट सेंटर का शिलान्यास अधर में लटक गया था उसे फिर से करवाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह वीरवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मिलेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Thu, 25 May 2023 10:46 PM (IST)Updated: Thu, 25 May 2023 10:46 PM (IST)
PM की सुरक्षा में सेंध के कारण रुका था PGI सेटेलाइट सेंटर का शिलान्यास, मनसुख मांडविया से मिलेंगे बलबीर सिंह
PM की सुरक्षा में सेंध के कारण रुका था PGI सेटेलाइट सेंटर का शिलान्यास, मनसुख मांडविया से मिलेंगे बलबीर सिंह

चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह : पांच जनवरी 2022 को फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में सेंध के चलते जो पीजीआई सेटेलाइट सेंटर का शिलान्यास अधर में लटक गया था उसे फिर से करवाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह वीरवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मिलेंगे।

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मनसुख मांडविया से मिले थे सुखबीर बादल

दरअसल, इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि पीजीआई के सेटेलाइट सेंटर फिरोजपुर से शिफ्ट किया जा रहा है। फिरोजपुर से सांसद और अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल भी पिछले दिनों पीजीआई सेटेलाइट सेंटर को शुरू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मिले थे।

सुरक्षा के चलते दौरा बीच में छोड़ कर गए थे पीएम मोदी 

बलबीर सिंह ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि डेढ़ साल पहले प्रधानमंत्री अपना पंजाब दौरा बीच में ही छोड़कर चले गए थे और पूर्व सरकार के सुरक्षा प्रबंधों से नाराज थे। उन्होंने कहा कि उसी दिन उन्हें फिरोजपुर में सेटेलाइट सेंटर शिलान्यास भी करना था।

प्रोजेक्ट पर पंजाब का अधिकार

490 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट पर पंजाब का अधिकार है और अगर प्रधानमंत्री उस दिन शिलान्यास नहीं कर सके थे तो बाद में यह कर देना चाहिए था। उन्होंने बताया कि इसके अलावा वायरलॉजी सेंटर जो मोहाली के मेडिसिटी में बनना था और इसके लिए पांच एकड़ जमीन भी दी गई थी को जम्मू में तब्दील कर दिया है इसको फिर से पंजाब में लाने का मुद्दा भी वह मनसुख मांडविया के पास उठाएंगे।

550 करोड़ रुपए हुए थे खर्च

उन्होंने बताया कि कोविड और स्वाइन फ्लू जैसी वायरल बीमारियों पर शोध करने के लिए वायरोलॉजी सेंटर पंजाब के लिए बेहद अहम है। काबिले गौर है कि इस सेंटर पर 550 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जो इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की ओर से लगाए थे।

पुणे भेजे जाते हैं वायरस के सैंपल 

यह केंद्र विषाणु जनित रोगों के शीघ्र निदान के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा क्योंकि इस समय पंजाब में वायरस के रोगियों के नमूने परीक्षण के लिए पुणे भेजे जाते हैं। डॉ बलबीर सिंह ने बताया कि इसके अलावा मोहाली में 15 करोड़ की लागत से बनाए गए ऑटिज्म सेंटर को भी चलाने का मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पास उठाया जाएगा।

एक 1200 करोड़ का मामला भी लटका 

उन्होंने बताया कि वेलनेस सेंटर बनाने के 1200 करोड़ रुपए का मामला भी लटका हुआ है। काबिले गौर है कि केंद्र सरकार ने मोहल्ला क्लीनिकों का नाम आम आदमी क्लीनिक रखने और इसके रंग को लेकर सवाल उठाया था और कहा था कि केंद्रीय योजना का पैसा पार्टी अपने पर खर्च कर रही है।

डॉ बलबीर सिंह ने कहा कि हमने केंद्र सरकार को आश्वासन दिया है कि वह जिस तरह कहेंगे रंग रूप बदल दिया जाएगा इसके बावजूद पिछले वित्तीय वर्ष के एक तिमाही और इस वर्ष का एक भी पैसा नहीं दिया गया है।


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