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शिअद के पूर्व पार्षद बोले- मोहाली में मंत्री के इशारे पर चलती है प्रूनिंग मशीन, कांग्रेसी पार्षदों के वार्ड में ही होता है काम

मोहाली नगर निगम इलेक्शन से पहले चुनावी मुद्दे तय हो चुके हैं। इसको लेकर विरोधी पार्षद लगातार कांग्रेस पर हमलावर हैं। शिअद पार्षदों का आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू अपने पार्षदों के इलाके में ही विकास कार्य करवा रहे हैं।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 12:38 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 12:38 PM (IST)
शिअद के पूर्व पार्षद बोले-  मोहाली में मंत्री के इशारे पर चलती है प्रूनिंग मशीन, कांग्रेसी पार्षदों के वार्ड में ही होता है काम
मोहाली नगर निगम कार्यालय की फाइल फोटोः जागरण

मोहाली, [रोहित कुमार]। मोहाली नगर निगम चुनाव में इस बार प्रॉपर्टी टैक्स, पानी के बिल, प्रूनिंग मशीन और औद्योगिक क्षेत्र का विकास मुद्दा ज्यादा गरमाएगा। वहीं विरोधी पार्षद लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रहे है। चाहे वार्डबंदी का मसला हो या फिर प्रूनिंग मशीन का।

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अकाली पार्षदों का आरोप है कि सूबे का स्वास्थ्य मंत्री जगह-जगह नींव पत्थर लगा रहे हैं। जबकि कोरोना काबू से बाहर हो रहा है। यहां तक कि पंजाब में फिर से नाइट कर्फ्यू की तैयारी कर ली गई है। अकाली दल के पूर्व पार्षद परमिंदर सोहाना, सुखदेव पटवारी, परमजीत सिंह काहलो, आरपी शर्मा, गुरमीत कौर, कुलदीप कौर कंग का कहना है कि जो प्रूनिंग मशीन सेहत मंत्री लेकर आए हैं वे सिर्फ उनके इशारे पर चलती है। ये मशीन सिर्फ कांग्रेसी वर्करों व पूर्व पार्षदों के वार्डों में काम कर रही है। अकाली पूर्व पार्षदों का कहना है कि प्रूनिंग के नाम पर पूरे पेड़ ही खत्म किए जा रहे हैं। ध्यान रहे मोहाली के पूर्व मेयर कुलवंत सिंह के कार्यकाल में एक विदेशी प्रूनिंग मशीन मंगवाई गई थी। जोकि गोदाम में पड़ी जंग खा रही है। जिसकी विजिलेंस जांच भी चल रही है।

सीलिंग प्रक्रिया से लोग नाराज

उधर, चुनाव में इस बार पानी के बिल मुद्दा भी गरमाएगा। क्योंकि गमाडा पानी के रेट 10 रुपये प्रति यूनिट ले रहा है। जबकि निगम डेढ़ रुपये यूनिट लेता है। लंबे समय से सेक्टरों के लोग यह लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन पानी बिलों से कोई राहत नहीं मिल रही। बात अगर प्रॉपर्टी टैक्स की कि जाए तो निगम की ओर से विज्ञापन कंपनियों को विज्ञापन टैक्स भरने से एक साल तक की राहत दे दी गई। लेकिन लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स भरने से कोई छूट नहीं दी गई। ऊपर से सीलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जिसे लोग खासे नाराज हैं।

औद्योगिक क्षेत्र में नहीं हुआ विकास

औद्योगिक क्षेत्र में विकास न होने भी चुनाव में मुद्दा रहेगा। शहर की सडक़ों व स्ट्रीट लाइट का बुरा हाल है। वहीं औद्योगिक क्षेत्र की हालत बद से बदत्तर है। जहां से निगम करोड़ों रुपये प्रॉपर्टी टैक्स वसूलता है। लेकिन काम कुछ भी नहीं करवा रहा। मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन इस मुद्दे को लेकर पिछले दो साल से बात कर रही है। लेकिन इस का कोई हल नहीं निकला।


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