पंजाब में पूर्व विधायकों को अब एक ही पेंशन मिलेगी, विधानसभा में ' वन एमएलए वन पेंशन' बिल पास
One MLA One Pension पंजाब में अब पूर्व विधायकों को एक ही पेंंशन मिलेगी। इसके लिए पंजाब विधानसभा में एक विधायक एक पेंशन विधेयक को पारित कर दिया गया। अब तक पूर्व विधायकों को हर कार्यकाल के लिए अलग-अलग पेंशन मिलती थी।
चंडीगढ़, [ इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब विधानसभा में एक विधायक को एक पेंशन देने के मामले में लाया गया विधेयक मुख्यमंत्री भगवंत मान और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बीच हुई तीखी बहस के बाद पास हो गया। एक नेता चाहे कई बार विधायक चुना गया हो लेकिन अब उसे एक ही पेंशन मिलेगी। विधेयक पेश किए जाने के बाद इसके प्रविधान को लेकर मान और बाजवा सदन में भिड़ गए।
पेंशन प्रविधान को लेकर भिड़े नेता विपक्ष बाजवा और मुख्यमंत्री भगवंत मान
विधेयक पर बहस में भाग लेते हुए विधायक परगट सिंह ने कहा कि विधायकों का रुतबा चीफ सेक्रेटरी (सीएस) के बराबर है और विधायकों को पेंशन भी सीएस के बराबर मिलनी चाहिए। शिरोमणि अकाली दल (बादल) के विधायक डा. सुखविंदर कुमार सुक्खी ने कहा कि विधायकों को तो समय पर वेतन तक नहीं मिलता। हम विधायकों को क्यों नीचा साबित करना चाहते हैं।
भगवंत मान बोले, राज्यसभा छोड़ कम वेतन वाले विधायक पद पर क्यों आए
इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों को 20 साल की सेवा के बाद पेंशन मिलती है। जब आप अपनी पार्टी के अध्यक्ष से टिकट मांगते हैं तो क्या आपको पता नहीं था कि कितना वेतन और पेंशन है। आप (बाजवा) तो राज्यसभा में थे, जहां ज्यादा पेंशन मिलती थी, तो वह छोड़कर विधायक पद पर क्यों आ गए? इस पर बाजवा भी उनसे बहस करने लगे।
मान ने कहा कि हमें इस बात से मतलब नहीं की कि कांग्रेस को हमारी सरकार से क्या उम्मीद है। पंजाब के लोगों ने हमसे उम्मीदें लगाई हुई हैं। पंजाब में बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो पांच हजार रुपये पर काम कर रहे हैं और उनके यहां भी रोटी पकती है। वहीं वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि हाउस की जनरल पर्पज कमेटी विधायकों के वेतन बढ़ाने पर काम कर रही है।
विधायकों को मिलेगी अब 60 हजार रुपये पेंशन
पंजाब स्टेट लेजिस्लेचर पेंशन एवं मेडिकल सुविधाएं रेगुलेशन बिल पास होने के बाद अब विधायकों को उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद 60 हजार रुपये पेंशन और डीए ही मिलेगा।
किसानों की कर्ज माफी पर खर्च नहीं होगा आरडीएफ
विधानसभा में पंजाब रूरल डेवलपमेंट संशोधन बिल भी पारित किया गया। सरकार अब ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) की राशि किसानों और मजदूरों के कर्ज माफ करने पर खर्च नहीं कर सकेगी। इसके साथ ही पंजाब एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट संशोधन बिल 2022 भी पास किया गया। जिससे सभी मार्केट कमेटियों को भंग करने का रास्ता साफ हो गया है।
जीडीपीएस का का 3.5 प्रतिशत कर्ज ले सकेगी सरकार
पंजाब वित्तीय जिम्मेवारी और बजट प्रबंध संशोधन बिल 2022 को भी विधानसभा में पारित किया गया। इसके तहत सरकार अब अपनी जीएसडीपी का केवल 3.5 प्रतिशत कर्ज ही ले पाएगी। हालांकि दो साल पहले इसे पांच प्रतिशत तक कर दिया गया था।