पूर्व जज सु¨रदर सिंह भारद्वाज को एक साल कैद
सीबीआइ की कस्टडी से भागने के मामले में जिला अदालत ने सुनवाई करते हुए पूर्व जज सु¨रदर सिंह भारद्वाज को एक साल कैद की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सीबीआइ की कस्टडी से भागने के मामले में जिला अदालत ने सुनवाई करते हुए पूर्व जज सु¨रदर सिंह भारद्वाज को एक साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 5 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले भारद्वाज पर 7 लाख रिश्वत मागने के आरोप लगे थे। मई, 2003 में जब सीबीआइ उनके घर पर सर्च कर रही थी तो वे सीबीआइ को चकमा देकर वहा से फरार हो गए थे। जिस मामले में सुनवाई करते हुए पूर्व जज भारद्वाज को शुक्रवार को सजा सुनाई गई। पूर्व जज सु¨रदर सिंह भारद्वाज पर आरोप था कि मई 2003 को रिश्वत के एक मामले में फंसने के बाद सेक्टर-22 स्थित सरकारी कोठी से सीबीआइ को चकमा देकर फरार हो गए थे। सीबीआइ की टीम ने उनके घर पर रेड की थी। इस बीच भारद्वाज बड़ी चालाकी से वहा से फरार हो गए थे। कोर्ट ने उनके अरेस्ट वारेंट भी जारी किए थे। एक महीने बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। चार साल पहले कर दिया था बरी
करीब 15 साल पुराने इस केस में लोअर कोर्ट ने 4 साल पहले भारद्वाज को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन ने सेशस कोर्ट में अपील फाइल कर दी थी। तब सेशस कोर्ट ने फैसले को पलटते हुए भारद्वाज को दोषी करार दिया और उन्हें कस्टडी में भी भिजवा दिया। भारद्वाज को रिश्वत मामले में 2009 में 3 साल की सजा हो चुकी है। वे देश के पहले जज थे जिन्हें भ्रष्टाचार के केस में सजा हुई थी। सजा के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी, जोकि अभी लंबित है। यह है मामला
सीबीआइ ने जालंधर के समरा की शिकायत पर 10 मई 2003 को भारद्वाज के खिलाफ ट्रैप लगाया था। समरा ने कहा था कि भारद्वाज उनसे एक मामले में रिश्वत की माग कर रहे थे। सीबीआई ने भारद्वाज को सेक्टर-22 में उनके सरकारी आवास से 7 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। मोबाइल में रिकॉर्डिग में समरा और भारद्वाज के बीच बातचीत भी सामने आई थी।