Gudiaya Case : हिमाचल के पूर्व आइजी जहुर हैदर जैदी ने जेल में मांगी बी क्लास सुविधा
Gudiaya Case कोटखाई केस में आरोपित हिमाचल प्रदेश के पूर्व आइजी जहुर हैदर जैदी ने अपनी बीएससी की डिग्री को आधार बनाते हुए जेल में बी क्लास सुविधाएं दिए जाने की मांग है।
चंडीगढ़, जेएनएन। कोटखाई कस्टोडियल डेथ केस में आरोपित हिमाचल प्रदेश के पूर्व आइजी जहुर हैदर जैदी ने अपनी बीएससी (बैचलर ऑफ साइंस) की डिग्री को आधार बनाते हुए जेल में बी क्लास सुविधाएं दिए जाने की मांग की है। जैदी इस समय चंडीगढ़ बुड़ैल जेल में बंद हैं। इसके साथ ही जैदी ने हफ्ते में तीन घंटे जेल ऑफिस का कंप्यूटर इस्तेमाल करने की भी इजाजत मांगी है।
इस पर बुड़ैल जेल सुपरिंटेंडेंट ने कोर्ट में दिए अपने जवाब में कहा है कि पंजाब जेल मैनुअल में ऐसा कोई कानून नहीं है कि मर्डर मामले के आरोपित को बी-क्लास सुविधा और कंप्यूटर प्रयोग करने की इजाजत दी जा सके। वहीं अदालत ने अब सीबीआइ को नोटिस जारी कर 31 जुलाई तक जवाब देने के लिए कहा है।
अपनी याचिका में जैदी ने कहा है कि कोविड-19 से पहले वह अपने वकील से नियमित मिलते थे और केस से जुड़े प्वाइंट हाथ से लिखकर उन्हें देते थे, लेकिन कोविड-19 के चलते बीती 17 मार्च से अपनेवकील से वह नहीं मिल पा रहे हैं। वह जेल में 12 अन्य कैदियों के साथ रह रहे हैं। ऐसे में उनके केस से संबंधित मुख्य दस्तावेजों सुरक्षित नहीं है। अगर जेल ऑफिस के कंप्यूटर का प्रयोग करने की मंजूरी उन्हें दे दी जाए तो वह अपने केस की जानकारी वकील को भेज सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने जेल में बी क्लास सुविधा दिए जाने की मांग की।
इसके लिए जैदी ने आधार दिया कि नियमों के मुताबिक वह ग्रेजुएट हैं और उन्हें जेल में अखबार, मैगजीन, ज्यादा लोगों से मिलने और प्राइवेट ड्रैस पहनने की मंजूरी दी जानी चाहिए। इस पर जेल सुपरिंटेंडेंट ने जवाब दिया कि आरोपित पर हत्या जैसे संगीन मामले का ट्रायल चल रहा है। ऐसे में मामलों में ये सुविधाएं आरोपित को नहीं दी जा सकती।
कोटखाई थाने में सूरज की हो गई थी संदिग्ध मौत
आइजी जैदी की अगुवाई में बनी एसआइटी ने केस को सुलझाने का दावा करते हुए एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था। इनमें नेपाली मूल का सूरज नामक युवक भी था। मगर कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जांच में सामने आया कि पुलिस के टॉर्चर से ही सूरज की मौत हुई थी।