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घटिया कीटनाशक मामला: पूर्व कृषि निदेशक मंगल सिंह दोषी करार, तोता सिंह को क्‍लीनचिट

करीब तीन साल पहले हुए कीटनाशक घोटाले में विभागीय जांच में कृषि विभाग के पूर्व निदेशक मंगल सिंह को दोषी पाया गया है। उस समय के कृषि मंत्री तोता सिंह को क्‍लीनचिट दी गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 07:56 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 08:34 PM (IST)
घटिया कीटनाशक मामला: पूर्व कृषि निदेशक मंगल सिंह दोषी करार, तोता सिंह को क्‍लीनचिट

चंडीगढ़,[इन्द्रप्रीत सिंह]। तीन साल पहले हुए घटिया कीटनाशक घोटाले में कृषि विभाग के पूर्व निदेशक मंगल सिंह संधू व संयुक्‍त निदेशक बलविंदर सिंह विभागीय जांच में दोषी पाए गए हैं। उप निदेशक परमिंदर सिंह व तत्कालीन कृषि मंत्री तोता सिंह को क्लीनचिट दे दी गई है। जांच अधिकारी प्रिंसिपल सेक्रेटरी (सिंचाई) जसपाल सिंह ने अपनी रिपोर्ट कृषि विभाग को सौंप दी है। अब मंगल को इस मामले में क्या सजा होगी, इस पर फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेना है क्योंकि कृषि विभाग उनके पास है।

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घटिया कीटनाशक खरीद घोटाले में प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने सौंपी जांच रिपोर्ट, अगली कार्रवाई सीएम करेंगे

उल्लेखनीय है कि मंगल सिंह ने डायरेक्टर रहते हुए बिना ई-टेंडरिंग करवाए 33 करोड़ रुपये की कीटनाशक दवा खरीदी। नरमे की फसल पर हमला करने वाली सफेद मक्खी को मारने के लिए खरीदी गई इस दवा का कोई असर नहीं हुआ जिसके चलते मंगल पर सवाल उठने लगे। मीडिया में आए इस घोटाले के कारण बादल सरकार ने मंगल सिंह को निलंबित करके आईएएस अधिकारी जसपाल सिंह के नेतृत्व में जांच बिठा दी।

संयुक्‍त निदेशक बलविंदर भी दोषी, डिप्टी डायरेक्टर परमिंदर निर्दोष, पूर्व कृषि मंत्री तोता सिंह को क्लीनचिट

मंगल सिंह के अलावा संयुक्‍त्‍ बलविंदर सिंह सोहल और उप निदेशक परमिंदर सिंह को भी चार्जशीट किया गया था, लेकिन जसपाल ने जांच में  उप निदेशक परमिंदर को निर्दोष पाया। घटिया रासायनिक दवा खरीदने के आरोप में बठिंडा पुलिस ने भी मंगल पर केस दर्ज किया था।

मंगल के तर्क को जांच अधिकारी ने किया खारिज

मंगल सिंह ने आबरॉन पेस्टीसाइड्स की 92,198 लीटर दवा की खरीद की थी लेकिन इसके लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया को नहीं अपनाया। उन्होंने तर्क दिया कि चूंकि यह दवा केवल यही कंपनी बनाती है इसलिए टेंडर नहीं दिया गया। जांच अधिकारी जसपाल ने पाया कि बाजार में उसी साल्ट की कई और कंपनियां भी दवाएं बनाती हैं। मंगल ने दवा कंपनी से खरीदने की बजाए किसी डीलर से सीधे खरीदी थी।

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जाखड़ ने तोता सिंह व बादल पर साधा था निशाना

विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सुनील जाखड़ ने इस मामले इस मामले को उठाया था। उन्होंने तब के कृषि मंत्री तोता सिंह को भी लपेटते हुए तत्‍कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल पर भी निशाना साधा था। जसपाल ने अपनी जांच में पाया कि इसमें मंत्री का कोई दोष नहीं है क्योंकि मंत्री ने फाइल पर साफ तौर पर लिखा था कि दवा की खरीद नियमों के मुताबिक कर ली जाए, लेकिन मंगल ने नियमों की अवहेलना की।

33 करोड़ रुपये की खरीदी थी दवा

मंगल सिंह ने 92,198 लीटर दवा की खरीद लगभग 33 करोड़ रुपये में की थी। जांच में यह भी सामने आया कि 3000 रुपये प्रति लीटर वाली दवा की खरीद 3557 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से की गई। सबसे ज्यादा दवा की बिक्री बठिंडा जिले में हुई थी।

मंगल सिंह ने तोता सिंह व सीएमओ पर उठाई थी अंगुली

मंगल सिंह संधू जब इस घोटाले में फंस गए थे तो उन्होंने इस कृषि मंत्री तोता सिंह और सीएम आफिस के एक अधिकारी को भी लपेटने की कोशिश की। उनका कहना था कि दवा खरीद के मामले में सारी जानकारी न केवल मंत्री को थी बल्कि सीएम आफिस के एक बड़े अधिकारी को भी थी।

रिपोर्ट मिल गई, सजा का फैसला शीघ्र

एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डेवलपमेंट विश्वजीत खन्ना ने जांच अधिकारी जसपाल सिंह की रिपोर्ट विभाग को मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सजा पर फैसला शीघ्र होगा, सजा क्या दी जाए यह तय करने के लिए फाइल प्रभारी मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी। उन्होंने यह बताने से इन्कार कर दिया कि मंगल क्या सजा दी जा सकती है।

यह था मामला

प्रदेश के मालवा क्षेत्र में वर्ष 2015 में सफेद मक्खियों के हमले से हजारों एकड़ नरमे की फसल बर्बाद हो गई थी। सरकार द्वारा खरीदा गया कीटनाशक घटिया होने के कारण इसका मक्खियों पर कोई असर नहीं हुआ था। फसल बर्बाद होने के सदमे से सैकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद दो सितंबर 2015 को बठिंडा के रामा मंडी थाने में पहला मामला दर्ज हुआ था और फिर सरकार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे।


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